"नई शिक्षा नीति" तैयार, पूरे देश में 8वीं तक हिन्दी होगी अनिवार्य

By जनार्दन पाण्डेय | Updated: January 10, 2019 14:55 IST2019-01-10T14:55:47+5:302019-01-10T14:55:47+5:30

कस्तूरीरंगन समिति इस पर काम कर रही है। यह एक नौ सदस्यीय समिति है। इस समिति ने अपने जो सुझाव दिए हैं, उनमें प्रमुख रूप से देश की शिक्षा को "भारत-केंद्रीय" और "वैज्ञानिक" बनाने की कोशिश की जाएगी।

"New education policy" prepared, Hindi will be mandatory in the whole country till 8th | "नई शिक्षा नीति" तैयार, पूरे देश में 8वीं तक हिन्दी होगी अनिवार्य

फाइल फोटो

देश के लिए नरेंद्र मोदी सरकार नई शिक्षा नीति तैयार कर रही है। इसमें आठवीं तक पूरे देश में हिन्दी विषय के तौर पर लागू करने की तैयारी चल रही है। अहम बात यह है कि यह देवनागरी लीपि में होगी। इसके अलावा गणित और विज्ञान विषय को भी देवनागरी में इस तरह से विकसित किया जा रहा है कि जिसे भारत के आदिवासी इलाकों में भी पढ़ाया जा सके।

दी इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक कस्तूरीरंगन समिति इस पर काम कर रही है। यह एक नौ सदस्यीय समिति है। इस समिति ने अपने जो सुझाव दिए हैं, उनमें प्रमुख रूप से देश की शिक्षा को "भारत-केंद्रीय" और "वैज्ञानिक" बनाने की कोशिश की जाएगी। खासतौर पर स्कूल शिक्षा के दौरान। इस पूरे मिशन को मिशन नाम दिया गया।

इंडियन एक्सप्रेस के सूत्रों के अनुसार समिति ने अपनी रिपोर्ट मानव संसाधन मंत्रालय (एचआरडी मंत्रालय) को सौंप दी है। समिति ने अपनी रिपोर्ट 31 दिसंबर, 2018 को ही सौंप दी थी। एक आला अधिकारी ने बताया कि हमने एचआरडी मंत्रालय के साथ एक बैठक की थी, इसमें हमने उन्हें रिपोर्ट सौंप दी थी।

इस मसले पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि रिपोर्ट तैयार है। लेकिन इस पर आखिरी मुहर लगनी बाकी है।

स्कूलों में बच्चों को फेल नहीं करने की नीति में संशोधन वाले विधेयक को संसद की मंजूरी

राज्यसभा ने आठवीं कक्षा तक फेल नहीं करने की नीति में संशोधन वाले विधेयक को बृहस्पतिवार को मंजूरी प्रदान कर दी।

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उच्च सदन में नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2018 पर चर्चा के जवाब में कहा कि यह राज्यों को तय करना है कि वे नयी व्यवस्था अपनाते हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि स्कूलों में अनुत्तीर्ण होने की स्थिति में बच्चों को उसी कक्षा में रोकने या नहीं रोकने का अधिकार राज्यों के पास होगा।

उनके जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। वाम दलों के सदस्यों ने विधेयक का विरोध करते हुए सदन से वाकआउट किया। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है।

विधेयक की जरूरत की चर्चा करते हुए जावडेकर ने कहा कि अक्सर कहा जाता है कि पांचवीं कक्षा के छात्रों को तीसरी कक्षा का गणित भी नहीं आता। ऐसे में व्यवस्था में बदलाव की बात की जा रही थी।

उन्होंने कहा कि सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक में भी यह बदलाव किए जाने की बात की गयी थी। उन्होंने कहा कि स्थायी समिति में भी इस बात पर एकराय थी। उन्होंने कहा कि कोई बोर्ड परीक्षा नहीं होगी बल्कि स्कूलों में ही परीक्षा होगी। उन्होंने कहा कि पीछे रह जाने वाले छात्रों को दो महीने बाद एक और मौका भी दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में आठवीं कक्षा तक बच्चों के स्कूल छोड़ने की दरें कम हैं लेकिन नौवीं और दसवीं कक्षा में स्कूल छोड़ने की दरें काफी बढ़ जाती हैं। इससे पहले विधेयक पर हुयी चर्चा में कई सदस्यों ने सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार की जरूरत पर बल दिया वहीं कई सदस्यों ने आशंका जतायी कि विधेयक के प्रावधान लागू होने पर स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या बढ़ेगी। कई सदस्यों ने कहा कि परीक्षा में पास होने की जिम्मेदारी बच्चों पर नहीं डाली जानी चाहिए। कई सदस्यों ने बजट में शिक्षा पर होने वाले खर्च में वृद्धि का सुझाव दिया।

भाकपा के डी राजा ने इस विधेयक को व्यापक चर्चा के लिए प्रवर समिति में भेजे जाने का सुझाव दिया। राजद के मनोज कुमार झा ने भी विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि प्रणाली की नाकामयाबी का ठीकरा बच्चों पर फोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों में आधारभूत ढांचे का अभाव है और शिक्षकों के लाखों पद खाली हैं। माकपा सदस्य के के रागेश ने कहा कि सरकारी पुरानी व्यवस्था फिर से लागू करना चाहती है। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा में समस्या है लेकिन उसका निदान यह नहीं है।
(समाचार एजेंसी भाषा के साथ)

English summary :
Kasturirangan Samity is working on New education policy. This is a nine-member committee. The suggestion made by this committee will be to try to make the country's education "India-Central" and "scientific" predominantly.


Web Title: "New education policy" prepared, Hindi will be mandatory in the whole country till 8th

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