NEET paper leak scandal: चर्चा में सीएम नीतीश कुमार का गृह जिला नालंदा, संजीव मुखिया का नाम सामने, रंजीत डॉन को आप जानते होंगे, जानें इतिहास
By एस पी सिन्हा | Updated: June 22, 2024 16:35 IST2024-06-22T16:33:01+5:302024-06-22T16:35:01+5:30
NEET paper leak scandal: 2003 के कैट का परीक्षा हो या फिर 2024 का नीट परीक्षा, देश में पिछले 25 सालों में जब-जब पेपर लीक का मामला उठा, तब-तब उसका तार बिहार के नालंदा से ही जुड़ा।

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NEET paper leak scandal: नीट पेपर लीक कांड को लेकर एक ओर जहां पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है, वहीं दूसरी ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला नालंदा पेपर लीक कांड में लिप्त मास्टरमाइंडों का केन्द्र बनता जा रहा है। नीट पेपर लीक कांड में पुलिस जांच के दौरान नालंदा जिले के संजीव मुखिया उर्फ लूटन मुखिया का नाम भी सामने आया है। कहा जा रहा है कि उसने ही प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया था और फिर परीक्षार्थियों को उसके उत्तर रटाये गए थे। पुलिस उसकी तलाश में कई जगहों पर छापेमारी कर रही है। इसके पहले रंजीत सिंह उर्फ रंजीत डॉन का नाम भी सुर्खियों में था।
वह नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड के खद्दी लोधीपुर गांव का रहने वाला था। जानकार बताते हैं कि चाहे 2003 के कैट का परीक्षा हो या फिर 2024 का नीट परीक्षा, देश में पिछले 25 सालों में जब-जब पेपर लीक का मामला उठा, तब-तब उसका तार बिहार के नालंदा से ही जुड़ा। सभी पेपर लीक के मास्टरमाइंड नालंदा से ही जुड़े होने के मामले सामने आए।
2003 में 33 साल के रंजीत डॉन ने कैट जैसे बड़े परीक्षा के पेपर लीक करवाए, तो अब संजीव मुखिया को नीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। सीबीआई ने रंजीत सिंह उर्फ रंजीत डॉन को इस मामले में धर दबोचा था। अब संजीव मुखिया की तलाश में ईओयू छापेमारी कर रही है। कहा जा रहा है कि आईआईएम के पेपर लीक करवाने के लिए रंजीत डॉन ने हर अभ्यर्थियों से 10-10 लाख रुपए लिए थे।
जांच के दौरान सीबीआई को पता चला कि रंजीत डॉन एमबीबीएस, कैट और बैंक पीओ की परीक्षा में फर्जीवाड़ा करता है। उसने खुद अपनी एमबीबीएस की डिग्री दरभंगा मेडिकल कॉलेज से खरीदी है। रंजीत डॉन इसके बाद कई सालों तक जेल के सलाखों में ही रहा। फिलहाल, वह जमानत पर है और राजनीति में सक्रिय है।
रंजीत डॉन नालंदा से विधानसभा और विधान परिषद का भी चुनाव लड़ चुका है, लेकिन उसे अब तक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली। अब 2024 के नीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया उर्फ लूटन को बताया जा रहा है। बिहार आर्थिक अपराध इकाई(ईओयू) के मुताबिक नीट का पेपर सबसे पहले संजीव के पास ही आया था।
संजीव ने इस पेपर को 10-15 अभ्यर्थियों को बांटा था। संजीव नालंदा के नगरनौसा का रहने वाला है और पेपर लीक के जुर्म में 2015 में गिरफ्तार भी हो चुका है। हालांकि, इस बार अब तक वो पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। संजीव का नाम 2012 में फूड इंस्पेक्टर के पेपर धांधली में आया था। उसके गैंग के कई सदस्य इस परीक्षा में गिरफ्तार हुए थे।
संजीव का बेटा शिव कुमार डॉक्टर है, वह पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है और फिलहाल जेल में है। संजीव के बारे में जांच एजेंसी और सबूत जुटा रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले 25 साल में भारत में पेपर लीक से जुड़े मामले में अब तक जितने भी मास्टरमाइंड का नाम सामने आया है।
उसमें 3 (रंजीत डॉन, संजीव मुखिया, दीपक कुमार) नालंदा का ही रहने वाला है। इन तीनों पर कम से कम भर्ती से जुड़े 10 परीक्षा में पेपर लीक कराने के आरोप हैं। दीपक तो अभी रांची पुलिस की गिरफ्त में है। आखिरी बार उसका नाम झारखंड जूनियर इंजीनियर परीक्षा 2022 के पेपर लीक में आया था।