NEET Controversy: नीट की परीक्षाओं में धांधली के विवाद के सिलसिले में कई अधिकारियों पर इसकी गाज गिरी है। बिहार सरकार ने कम से कम न अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने गुरुवार को यह भी आरोप लगाया कि राजद नेता तेजस्वी यादव के निजी सचिव भी इस विवाद से जुड़े हैं।
दरअसल, बिहार जैसे राज्यों में प्रश्नपत्र लीक होने और प्रतिष्ठित परीक्षा में अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। जिसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कथित अनियमितताओं के संबंध में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से रिपोर्ट मांगी है।
बिहार में पीडब्ल्यूडी के अधिकारी प्रदीप कुमार, धर्मेंद्र कुमार धर्मकांत (जेई) और अधीक्षण अभियंता उमेश राय को बिना आवंटन के नियुक्ति करने, तथ्य छिपाने और विभाग को गुमराह करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
डिप्टी सीएम ने लगाए गंभीर आरोप
बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा, "1 मई को तेजस्वी यादव के निजी सचिव प्रीतम कुमार ने गेस्टहाउस के कर्मचारी प्रदीप कुमार को सिकंदर कुमार यादवेंदु के लिए कमरा बुक करने के लिए बुलाया... 4 मई को प्रीतम कुमार ने प्रदीप कुमार को कमरा बुक करने के लिए फिर से बुलाया... तेजस्वी यादव के लिए 'मंत्री' शब्द का इस्तेमाल किया गया।"
उन्होंने कहा, "तेजस्वी यादव को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या प्रीतम कुमार अभी भी उनके निजी सचिव हैं और उन्हें यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि सिकंदर कुमार यादवेंदु कौन हैं। जब लालू प्रसाद यादव रांची में जेल में बंद थे, तब सिकंदर कुमार यादवेंदु लालू की सेवा में थे... वे सिंचाई विभाग में जेई थे... वे लोगों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। जब वे सत्ता में होते हैं तो घोटाले करते हैं और नियुक्ति प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं।"
गिरफ्तार अभ्यर्थियों ने क्या कबूल किया?
इस बीच, बिहार से गिरफ्तार किए गए सभी चार अभ्यर्थियों ने कबूल किया है कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा का प्रश्नपत्र पिछली रात लीक हो गया था। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी और सरकार इस बात से इनकार कर रही है कि कोई पेपर लीक हुआ था।
विवाद के चलते गिरफ्तार किए गए अनुराग यादव, शिवनंदन कुमार, अभिषेक कुमार, आयुष कुमार ने कबूल किया है कि उन्हें अगले दिन परीक्षा में पूछे गए सवाल ही मिले थे। गिरफ्तार अभ्यर्थियों के मुताबिक, पेपर फिक्स करने में शिकंदर यादव नामक व्यक्ति की अहम भूमिका थी।