Neerja Bhanot Death Anniversary: देश की एक बहादुर बेटी जिसको हम नहीं जानते

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 5, 2018 10:05 AM2018-09-05T10:05:05+5:302018-09-05T10:29:38+5:30

Neerja Bhanot Death Anniversary: नीरजा आज भी अपने परिवार, दोस्तों और देश के हर उस नागरिक के दिलों में ज़िंदा हैं जिनमें देश के लिए कुछ कर गुजरने का ज़ज़्बा है! आइये जाने कुछ ऐसी बातें भारत की इस बहादुर बेटी के बारे में जो हमें नहीं है पता.

Neerja Bhanot Death Anniversary: Unknown Facts and Untold Story in Hindi | Neerja Bhanot Death Anniversary: देश की एक बहादुर बेटी जिसको हम नहीं जानते

Neerja Bhanot Death Anniversary| नीरजा भनोट पुण्यतिथि

नीरजा आज भी अपने परिवार, दोस्तों और देश के हर उस नागरिक के दिलों में ज़िंदा हैं जिनमें देश के लिए कुछ कर गुजरने का ज़ज़्बा है! आइये जाने कुछ ऐसी बातें भारत की इस बहादुर बेटी के बारे में जो हमें नहीं है पता -

7 सितम्बर 1963 को चंडीगढ़ में जन्म लिया था नीरजा ने, तब किसे पता था कि ये नाम अमर होने वाला है.

रमा और हरीश भनोट की सबसे प्यारी बेटी से उसके भाई अखिल भनोट और अनीस भनोट को कई बार जलन होती थी कि माँ – पिता सबसे ज्यादा नीरजा को ही क्यों प्यार करते हैं. शायद वो उसकी ज़िंदगी भर का प्यार उसकी छोटी सी ज़िंदगी पर लुटा देना चाहते थे.

अपने परिवार और दोस्तों में लाडो के नाम से पुकारे जाने वाली इस लड़की की एक आम ज़िंदगी में 6 दोस्त थी, जो हर सुख – दुःख मिलकर बांटती थीं – वृन्दा, सुनीता, एली, नाओमी, जबीन और शंतला

बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल से पढ़ने के बाद नीरजा ने प्रसिद्ध कॉलेज सेंट ज़ेवियर से ग्रेजुएशन किया था लेकिन 21 साल की छोटी उम्र में उनकी शादी गल्फ में रहने वाले बिज़नेस मैन से कर दी गयी थी.

नीरजा का वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं बीता, दहेज़ को लेकर ये वीरांगना भी शारीरिक और मानसिक अत्याचार की शिकार हुई और आखिरकार तंग आकर ये अपने परिवार में वापस लौट आयी और शादी ख़त्म कर दी.

एयरहोस्टेस बनने से पहले नीरजा ने मॉडलिंग भी की थी. बड़े ब्रांड्स उनसे जुड़ कर अपने आपको गर्वित महसूस करते हैं, अमूल ने अपना एक बहुत पुराना ऐड कुछ दिन पहले दुबारा प्रमोट किया जिसमें नीरजा ने मॉडलिंग की थी.

नीरजा की माँ को उनके एयरहोस्टेस बनने को लेकर पहले से ही टेंशन थी, जब उनको पता चला कि ट्रेनिंग के दौरान नीरजा को एंटी – हाईजैकिंग कोर्स भी कराया जायेगा तो उन्होंने ये लाइन छोड़ने को बोला था. नीरजा का इसपर एक ही जवाब था – अगर हर माँ ऐसा सोचने लगेगी तो इस देश का भविष्य क्या होगा?

हाई – जैकिंग के उस 17 घंटे ने नीरजा को एक समझदार महिला बनकर उभारा था – अपनी ज़िंदगी की परवाह किये बिना नीरजा ने बड़ी ही शांति और समझदारी से सबकी जान बचायी। हाई जैक की इनफार्मेशन देकर पहले तो उन्होंने पायलेट को जहाज से भेज दिया जिस वज़ह से प्लेन उड़ नहीं सका नहीं तो प्लेन में कोई भी नहीं बचता.

17 घंटे के बाद आतंकवादियों ने गोलियों की बौछार कर दी और समझदारी और साहस का परिचय देते हुए इस छोटी से बहादुर ने एग्ज़िट डोर खोल कर सबको बाहर निकालना शुरू कर दिया. 3 अमेरिकन बच्चों को बचाते  हुए उसने आतंकवादियों की सारी गोली अपने ऊपर ले ली. आज भी उस आतंकवादी ग्रुप को अपने प्लान की असफलता पर शर्म आती होगी और हमारी इस बेटी के लिए सम्मान की भावना आती होगी.

अपने जन्मदिन के दो दिन पहले 5 सितम्बर 1986 को देश की इस बेटी ने देश के लिए अपनी जान देकर हर बेटी को दे दी ऐसी नसीहत जो सदियों तक सभी बेटियों के दिलों में बसी रहेगी और उन्हें प्रेरित करेगी देश के लिए मर मिटने को.

नीरजा पहली और सबसे कम उम्र की महिला थी जिन्हें देश का गौरवशाली अशोक चक्र प्रदान किया गया था.

देश के लिए इतनी बड़ी कुर्बानी देकर नीरजा सबके दिलों में सदा के लिए अमर हो गयी और बता गयी हमें कि “ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिये बाबूमोशाय….लम्बी नहीं”

 

English summary :
Neerja Bhanot Death Anniversary: Neeraj is still alive in the hearts of his family, friends and every citizen of the country,who has the ability to do some work! today we are sharing some Unknown Facts and Untold Story in Hindi about brave daughters of India Neerja Bhanot .


Web Title: Neerja Bhanot Death Anniversary: Unknown Facts and Untold Story in Hindi

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