कोविड-19 के कारण लगभग 20.8 प्रतिशत बुजुर्गों ने अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को खो दिया: रिपोर्ट

By भाषा | Published: June 14, 2021 06:42 PM2021-06-14T18:42:24+5:302021-06-14T18:42:24+5:30

Nearly 20.8 percent of elderly people lost their family members or friends due to COVID-19: Report | कोविड-19 के कारण लगभग 20.8 प्रतिशत बुजुर्गों ने अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को खो दिया: रिपोर्ट

कोविड-19 के कारण लगभग 20.8 प्रतिशत बुजुर्गों ने अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को खो दिया: रिपोर्ट

नयी दिल्ली, 14 जून एक रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 के कारण लगभग 20.8 प्रतिशत बुजुर्गों ने अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को खोया है और उनमें से अधिकांश का मानना ​​है कि एक बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे से इन लोगों की जान बच सकती थी। देश में 3,526 बुजुर्गों का सर्वेक्षण कर इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है।

‘‘विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस’’ के मद्देनजर ‘हेल्पएज इंडिया’ ने मंगलवार को छह शहरों के सर्वेक्षण ‘‘द साइलेंट टॉरमेंटर: कोविड-19 एंड द एल्डरली’’ के निष्कर्षों को जारी किया। अध्ययन में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता और चेन्नई में 3,526 लोगों का सर्वेक्षण किया गया।

इसमें पता चला कि सर्वेक्षण में शामिल 20.8 प्रतिशत लोगों ने या तो अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को कोविड से खो दिया है। यह पूछे जाने पर कि इन लोगों की जान बचाने के लिए और क्या किया जा सकता था, 50.8 प्रतिशत ने बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को, 44.4 प्रतिशत ने टीकों की उपलब्धता और 38.7 प्रतिशत ने समय पर दवाओं और टीके की उपलब्धता के संबंध में कहा।

लगभग 42.1 प्रतिशत लोगों को कोविड से संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती होने की सबसे अधिक चिंता थी और 34.2 प्रतिशत लोग पृथक होने से चिंतित थे। एक और बड़ी चिंता इन बुजुर्गों की दूसरों पर बढ़ती वित्तीय निर्भरता थी। सर्वेक्षण में शामिल 41.1 प्रतिशत लोग अपने परिवार के सदस्यों पर निर्भर थे और इनमें से 70.2 प्रतिशत बुजुर्ग 80-89 वर्ष के आयु वर्ग के थे।

अध्ययन में कहा गया है, ‘‘52.2 प्रतिशत बुजुर्गों ने कहा कि कोविड ने बुजुर्गों की आय को बेहद प्रभावित किया है। नौकरी छूटना (34.9 प्रतिशत) और परिवार के सदस्यों के वेतन में कटौती (30.2 प्रतिशत) इसके प्रमुख कारण हैं।

बुजुर्गों के लिए महामारी के दौरान अपने स्वास्थ्य को ठीक रखना कठिन हो गया। उनमें से 52.4 प्रतिशत जोड़ों के दर्द से पीड़ित थे जबकि 44.9 प्रतिशत को चलने में कठिनाई थी, 24.4 प्रतिशत की दृष्टि खराब थी और 13.8 प्रतिशत को याद रखने में समस्या थी या एकाग्रता की कमी से पीड़ित थे।

अध्ययन में कहा गया, ‘‘58.2 प्रतिशत बुजुर्गों को पता था कि एक टीका विकसित किया गया है जबकि 41.8 प्रतिशत को पता नहीं था कि कोई टीका विकसित किया गया है। जागरूक लोगों में से 78.7 प्रतिशत बुजुर्गों ने महसूस किया कि टीकाकरण वास्तव में महत्वपूर्ण था।’’ इसमें कहा गया है कि 66.6 प्रतिशत बुजुर्गों को कोविड के टीके की कम से कम एक खुराक मिली थी, हालांकि अंतराल बना हुआ है क्योंकि 39.4 प्रतिशत बुजुर्गों को नहीं मिली थी।

इसमें कहा गया है कि लगभग 43.1 प्रतिशत बुजुर्गों ने कहा कि समाज में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार कायम है, जबकि 15.6 प्रतिशत ने कहा कि वे दुर्व्यवहार के शिकार थे और 62.1 प्रतिशत बुजुर्गों ने महसूस किया कि कोविड-19 के दौरान, दुर्व्यवहार का खतरा बढ़ गया है।

दुर्व्यवहार करने वाले बेटे (43.8 प्रतिशत) और पुत्रवधू (27.8 प्रतिशत) थी, जबकि 14.2 प्रतिशत ने कहा कि उनकी बेटियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।

मिशन हेड-एजकेयर, हेल्पएज इंडिया के डॉ इम्तियाज अहमद ने कहा, ‘‘हमें दूसरी लहर में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार, हिंसा और विवादों से संबंधित हमारी ‘एल्डर हेल्पलाइन’ पर 1,000 से अधिक कॉल मिलीं, जो पहली लहर की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक थी।

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