नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (NCERT) ने 10वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से आवर्त सारणी (पीरियोडिक टेबल), लोकतंत्र और ऊर्जा के स्रोत चैप्टर को हटा दिया है। 'छात्रों पर बोझ' को कम करने के लिए इन विषयों पर पूरा अध्याय हटा दिया गया है। इसी साल की शुरुआत में 10वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से विकास के सिद्धांत (थ्योरी ऑफ इवोलुशन) को हटाने के बाद कई जानकारों ने चिंता जताई थी।
बहरहाल, विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से हटाए गए विषयों में पर्यावरणीय स्थिरता और ऊर्जा के स्रोत पर अध्याय भी शामिल हैं। इसके अलावा डेमोक्रेटिक पॉलिटिक्स-1 से कक्षा 10 के छात्रों के लिए लोकतंत्र, लोकतंत्र की चुनौतियों और राजनीतिक दलों पर आधारित पूरे अध्याय को भी हटा दिया गया है।
NCERT ने क्यों हटाए ये विषय?
NCERT का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए छात्रों पर से बोझ हटाना जरूरी है। एनसीईआरटी की ओर से दी गई वजहों में कहा गया है कि ज्यादा कठिन होना, एक तरह का कंटेट को एक से ज्यादा बार होना और वर्तमान हालात के हिसाब से किसी कंटेट के अप्रासंगिक होने आदि इन्हें हटाने के कुछ कारण हैं।
हालांकि, छात्रों इन टॉपिक्स के बारे में पढ़ सकते हैं अगर वे इसके लिए संबंधित सब्जेक्ट को 11वीं और 12वीं में चुनते हैं। भारत में कक्षा 10 अंतिम वर्ष है जिसमें विज्ञान को एक अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। ऐसे में केवल वैले छात्र जो अंतिम दो वर्षों (विश्वविद्यालय से पहले) यानी 11वीं और 12वीं में रसायन विज्ञान का अध्ययन करने का चुनाव करते हैं, वे ही पीरियोडिक टेबर के बारे में अब जान सकेंगे।
इस साल की शुरुआत में कक्षा 10 की विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से विकास के सिद्धांत को हटाने के लिए एनसीईआरटी आलोचनाओं से घिर गया था। करीब 1,800 से अधिक वैज्ञानिकों और शिक्षकों ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए एक खुला पत्र लिखा था।