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नक्सली हिंसाः 9 साल, 10 राज्य, 3,749 लोगों की गई जान, सबसे अधिक क्षति छत्तीसगढ़ में, जानिए कुछ और बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 28, 2019 16:59 IST

गृह मंत्रालय ने वर्ष 2018-19 की अपनी रिपोर्ट में कहा कि भाकपा (माओवादी) देश में विभिन्न वाम चरमपंथी संगठनों में सबसे ताकतवर संगठन है और वह 88 फीसदी से अधिक हिंसक घटनाओं एवं फलस्वरूप होने वाली मौतों के लिए जिम्मेदार है।

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ठळक मुद्देबढ़ते नुकसान के बीच भाकपा (माओवादी) अंतर-राज्यीय सीमाओं पर नये क्षेत्रों में अपने पांव पसारने की कोशिश में जुटा है।वर्ष 2010 से दस राज्यों में हिंसा की 10,660 घटनाओं में 3,749 लोगों की जान चली गयी।

गृह मंत्रालय ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि पिछले नौ सालों के दौरान दस राज्यों में नक्सली हिंसा में 3700 से अधिक लोग मारे गये हैं जिनमें सबसे अधिक जान छत्तीसगढ़ में गयीं।

मंत्रालय ने वर्ष 2018-19 की अपनी रिपोर्ट में कहा कि भाकपा (माओवादी) देश में विभिन्न वाम चरमपंथी संगठनों में सबसे ताकतवर संगठन है और वह 88 फीसदी से अधिक हिंसक घटनाओं एवं फलस्वरूप होने वाली मौतों के लिए जिम्मेदार है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘बढ़ते नुकसान के बीच भाकपा (माओवादी) अंतर-राज्यीय सीमाओं पर नये क्षेत्रों में अपने पांव पसारने की कोशिश में जुटा है लेकिन उसे कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है।’’ रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2010 से दस राज्यों में हिंसा की 10,660 घटनाओं में 3,749 लोगों की जान चली गयी।

वामचरमपंथ के कारण से सबसे अधिक जानें छत्तीसगढ़ में गयीं जहां 2010 से 2018 के बीच माओवादियों द्वारा अंजाम दी गई 3769 हिंसक घटनाओं में 1370 लोगों की मौत हुई। झारखंड में वाम चरमपंथ की 3,358 हिंसक घटनाओं में 997 लोग मारे गये जबकि बिहार में उसी दौरान 1526 ऐसी ही हिंसक वारदातों में 387 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

दस नक्सल प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश हैं। शुक्रवार को उपलब्ध कराई गई इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सरकार द्वारा राष्ट्रीय नीति एवं कार्ययोजना के दृढ़ क्रियान्वय से देश में वाम चरमपंथ के परिदृश्य में काफी सुधार आया है।

पिछले पांच सालों में वाम चरमपंथ हिंसा में बहुत गिरावट आयी है और वाम चरमपंथ का भौगोलिक प्रसार भी घटा है।’’ वाम चरमपंथ हिंसा में गिरावट का दौर 2018 में भी जारी रहा। हिंसक घटनाओं में 26.7 फीसद की कमी आयी। जहां 2013 में 1136 हिंसक घटनाएं हुईं वहीं 2018 में 833 ऐसी घटनाएं सामने आयीं।

उसी तरह 2013 में वाम चरमपंथ की हिंसक घटनाओं में 397 लोग मारे गये जबकि 2018 में यह संख्या 39.5 फीसद घटकर घटकर 240 हो गयी। रिपोर्ट के मुताबिक 2013 में वाम चरमंपथी हिंसा में 75 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए जबकि 2018 में यह संख्या 10.7 फीसद घटकर 67 हो गयी।

वर्ष 2013 में 136 वाम चरमपंथी मारे गये जबकि 2018 में 225 वाम चरमपंथियों का सफाया किया गया। इसमें 65.4 फीसद की वृद्धि हुई। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘साथ ही भारत सरकार के विकास कार्यक्रमों के चलते हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने वाले वाम चरमपंथियों की संख्या में लगातार इजाफा नजर आया।’’ 

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