पूरे मानव समाज की बेहतरी चाहते हैं आदिवासी, अधिवेशन में 10 राज्यों के आदिवासियों का जुटान

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 29, 2019 05:56 PM2019-03-29T17:56:39+5:302019-03-29T17:56:39+5:30

”आदिवासी समुदाय का संघर्ष संप्रभुता का संघर्ष है। इस संघर्ष को जारी रखना आज के समय की जरूरत है। इसके लिए हमें एक नई परिकल्पना पर ध्यान देना होगा, जो इतिहास में आदिवासी समुदायों के साथ हुए अन्याय को सही करने का जरिया होगा।”

national tribal convention in raipur 300 representer parts in convention from ten States | पूरे मानव समाज की बेहतरी चाहते हैं आदिवासी, अधिवेशन में 10 राज्यों के आदिवासियों का जुटान

पूरे मानव समाज की बेहतरी चाहते हैं आदिवासी, अधिवेशन में 10 राज्यों के आदिवासियों का जुटान

रायपुर, 29 मार्च। भारत के आदिवासी न सिर्फ अपनी सामुदायिक संप्रभुता की बात करते हैं, बल्कि देश की संप्रभुता के भी पैरोकार हैं। आदिवासी सिर्फ अपने समुदाय का हित नहीं, बल्कि पूरे मानव समाज का हित चाहते हैं।” रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी अधिवेशन के समापन पर यह बातें स्वशासन अभियान इंडिया से जुड़े आयोजक समिति के घनश्याम ने कहीं। 

दो दिवसीय अधिवेशन में 10 राज्यों से आए लगभग 300 आदिवासियों ने भाग लिया। चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों के तर्ज पर भारत में भी आदिवासी समुदायों के साथ एक संधि की पहल की जाए। एक ऐसी संधि जो आदिवासी समुदाय के भरोसे और उम्मीद को बढ़ाए। एक संधि जो आदिवासी अस्तित्व और अधिकारों का सम्मान करे, बहाल करे और पूरी मानवजाति को बेहतर भविष्य की ओर ले जाए। 

एक्शनएड एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक संदीप चाचरा ने कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा, ”आदिवासी समुदाय का संघर्ष संप्रभुता का संघर्ष है। इस संघर्ष को जारी रखना आज के समय की जरूरत है। इसके लिए हमें एक नई परिकल्पना पर ध्यान देना होगा, जो इतिहास में आदिवासी समुदायों के साथ हुए अन्याय को सही करने का जरिया होगा।”

पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में ग्रामसभा को स्वशासन की महत्वपूर्ण इकाई मानते हुए ग्रामसभा को सशक्त बनाने और पेसा के प्रभावी क्रियान्वयन की बात की गई। अधिवेशन के दौरान आदिवासी समुदायों के अधिकारों पर हुई चर्चा का सार ‘रायपुर डिक्लेरेशन‘ के नाम से आज जारी किया गया।

घोषणापत्र में देश भर के अलग अलग क्षेत्रों में बसे आदिवासी समुदायों विशेषकर पीवीटीजी और एनटी/डीएनटी समुदायों के अधिकारों को सुनिश्चित करने की बात भी की गई है। साथ ही ग्राम सभा का फेडरेशन राज्य स्तर एवं राष्ट्र स्तर पर गठित करने और परंपरागत ग्रामसभा सहित शासन के हर स्तर पर महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण के साथ उनकी भागीदारी बढ़ाने का संकल्प शामिल है।

Web Title: national tribal convention in raipur 300 representer parts in convention from ten States

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