कोलकाता, 24 मईः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए शांति निकेतन पहुंचे। वहां उनकी अगवानी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने की। विश्व भारती विश्वविद्यालय के 49 वें दीक्षांत समारोह के लिए मंच तैयार है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना संबोधित करेंगे। मोदी केंद्रीय विश्वविद्यालय के ‘आचार्य ’ या कुलाधिपति हैं।
संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री कल हसीना के साथ भारत और बांग्लादेश के सांस्कृतिक संबंधों के प्रतीक ‘बांग्लादेश भवन’ का उद्घाटन करेंगे और वहां एक द्विपक्षीय बैठक करेंगे। पुलिस ने बताया कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोलपुर उपसंभाग में स्थित शांति निकेतन में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गयी है।
प्रधानमंत्री बनने के बाद से यह मोदी का विश्वविद्यालय का पहला दौरा है। आखिरी बार 2008 में संस्थान के कोई कुलाधिपति दीक्षांत समारोह में मौजूद थे। तब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वहां का दौरा किया था। रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा स्थापित संस्थान की कार्यकारी कुलपति सबुजकली सेन ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय में पांच साल में यह पहला दीक्षांत समारोह होगा।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा , ‘‘हम काफी खुश है कि इतने सारे गणमान्य लोग दीक्षांत समारोह में शामिल होंगे। इसके बाद से हम दूसरे केंद्रीय विश्वविद्यालयों की तरह ही हर साल दीक्षांत समारोह आयोजित करने की कोशिश करेंगे।’’
मोदी और हसीना के अलावा समारोह में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के एन त्रिपाठी एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल होंगी। कुलपति के मुताबिक पिछले चार दशकों में पहली बार राज्य का कोई मुख्यमंत्री दीक्षांत समारोह में शामिल होगा। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश के करीब 150 प्रतिनिधि दीक्षांत समारोह और ‘बांग्लादेश भवन’ के उद्घाटन के लिए आज यहां पहुंच रहे हैं।
दोनों देशों के प्रधानमंत्री उद्घाटन कार्यक्रम के खत्म होने के बाद दोपहर एक बजे बैठक करेंगे। बांग्लादेश उप उच्चायोग के सूत्रों ने बताया कि हसीना कल सुबह कोलकाता पहुंचेंगी और फिर वहां से शांतिनिकेतन के लिए रवाना होंगी। शांतिनिकेतन कोलकाता से करीब 160 किलोमीटर दूर है। बांग्लादेश भवन में रवींद्रनाथ ठाकुर की साहित्यिक रचनाओं के अलावा बांग्लादेश मुक्ति संग्राम और उसमें भारत की भूमिका से जुड़ी किताबें एवं तस्वीरें प्रदर्शित की जाएंगी।
हसीना से मिलने के बाद मोदी झारखंड जाएंगे जहां वह सिंदरी में केंद्र एवं राज्य सरकारों की कई परियोजनाओं की आधारशिला डालेंगे। इनमें हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड की सिंदरी उर्वरक परियोजना , गेल की रांची सिटी गैस वितरण परियोजना , एम्स , देवघर , देवघर हवाईअड्डे का विकास और 3x800 मेगावाट उत्पादन क्षमता की पतरातू सुपर ताप विद्युत परियोजना को बहाल करना शामिल है। मोदी की मौजूदगी में ‘जन औषधि केंद्र’ के लिए सहमति ज्ञापनों का भी आदान प्रदान किया जाएगा और वह बाद में सभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री रांची में झारखंड के ‘आंकांक्षापूर्ण’ जिलों के जिलाधिकारियों से बातचीत करेंगे।
मोदी ने जनवरी में ‘आकांक्षापूर्ण जिलों का बदलाव’ कार्यक्रम शुरू किया था जिसका लक्ष्य इन जिलों के लोगों का जीवन स्तर बेहतर करने के लिए वहां तेजी से एवं प्रभावशाली तरीके से बदलाव लाना है। हसीना पश्चिम बर्द्धमान जिले के आसनसोल स्थित काजी नजरूल विश्वविद्यालय जाएंगी जहां उन्हें 26 मई को डी. लिट की मानद उपाधि दी जाएगी।
PTI-Bhasha Inputs
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