लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसकी अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने शनिवार (25 मई) को पीएम नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना और अब यह भी तय हो गया है कि प्रधानमंत्री पद की शपथ कब लेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी 30 मई को शाम सात बजे राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में पीएम पद की शपथ लेंगे। इस दौरान केंद्रिय मंत्रिमंडल को भी सपथ दिलाई जाएगी।
पीएम के शपथ ग्रहण के संभावित कार्यक्रम की जानकारी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट करके भी दी गई।
हालांकि, शनिवार को संसद के सेंट्रल हॉल में संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद नव-निर्वाचित सांसदों से रूबरू पीएम मोदी उन्हें पहले ही इशारे में समझा चुके हैं कि मंत्री पद को लेकर वे आसक्त न रहें। उन्होंने सांसदों से कहा कि इस समय हो सकता है कि उनके पास कोई फर्जी कॉल करके कहे कि आपको मंत्री बनाया जाना है और दिल्ली तलब किया गया है। उन्होंने कहा कि आपमें से कई नए लोग हैं, इसलिए यह अनुभाव साझा करना जरूरी है।
लगभग सवा से डेढ़ घंटे के अपने भाषण में पीएम मोदी ने आभार जताने से लेकर सांसदों को नैतिक मूल्यों की भी सीख दी।
उन्होंने सांसदों से वीआईपी कल्चर को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि भी आम नागरिक होता है, उसे भी एयरपोर्ट में जांच से गुजरने से ऐतराज नहीं करना चाहिए, कतार में खड़ा होना चाहिए।
पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में कांग्रेस पर यह कहते हुए करार प्रहार किया कि अब तक सरकारें देश के गरीबों और अल्पसंख्यकों के साथ छल करती आई हैं और उनकी सरकार ने उस छल में छेद कर उन तक पहुंचने का काम किया है।
पीएम मोदी ने 'सबका साथ, सबका विकास' नारे में एक और बात जोड़ी, उन्होंने कहा कि सरकार अब सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की पहल पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार सबके लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इस बार उन पर भरोसा जताया और जिनका भरोसा आगे जीतना है, उनके लिए सरकार काम करेगी।