बेंगलुरु:कर्नाटक के बेलगाम स्थित अराभवी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक और कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) के अध्यक्ष बालचंद्र जरकीहोली ने स्पष्ट किया है कि बोम्मई सरकार के पास केएमएफ का अमूल में विलय करने संबंधी कोई प्रस्ताव नहीं है। विपक्षी दल कांग्रेस और जेडीएस मिलकर इस मामले में झूठी अफवाह फैला रहे हैं और क्षेत्रीय अस्मिता के नाम पर केएमएफ से जुड़े 26 लाख किसान दुग्ध उत्पादकों को भ्रमिक करने की गंदी राजनीति कर रहे हैं ताकि इसका लाभ वो विधानसभा चुनाव में उठा सकें लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है।
केएमएफ प्रमुख जारकीहोली ने कहा, “केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने केवल यह कहा था कि केएमएफ और अमूल कर्नाटक सहित अन्य राज्यों के बाजार में अपने विस्तार के लिए हाथ मिला सकते हैं। उन्होंने कभी भी दोनों सहकारी समितियों के विलय का सुझाव नहीं दिया था। विपक्षी दल चुनाव के समय इस मुद्दे पर अनावश्यक रूप से विवाद पैदा कर रहे हैं।"
भाजपा विधायक जारकीहोली ने बीते मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "जहां तक बेंगलुरु का सवाल है तो यहां पर दशकों से केवल अमूल नहीं और भी 10 ब्रांड मौजूद हैं, जिनके दुग्ध उत्पाद को बेचा जा रहा है। लेकिन कोई भी नंदिनी मानक के दूध को उससे सस्ती कीमत पर आपूर्ति नहीं कर पाया है।"
उन्होंने कहा कि केएमएफ प्रत्यक्ष रूप से राज्य के लगभग 26 लाख और अप्रत्यक्ष रूप से 50 लाख मतदाताओं से जुड़ा हुआ है। सही कारण है कि विपक्षी दल कांग्रेस और जेडीएस मिलकर भाजपा की छवि को खराब करना चाहते हैं ताकि उन्हें गंदी राजनीति का वोटों के तौर पर फायदा हो सके
केएमएफ अध्यक्ष ने कहा, “जनता इस बात को भी अच्छे से समझती है कि केएमएफ में एक नहीं बल्कि 19 निदेशक हैं। जिनमें न केवल भाजपा बल्कि कांग्रेस और जेडीएसके नेता भी शामिल हैं। विलय या अन्य किसी भी तरह के निर्णय पर अंतिम फैसला निदेशक मंडल ही लेता है अगर मान भी लीजिए कि केंद्र अमूल में केएमएफ के विलय का प्रस्ताव रखता भी है तो मैं स्पष्ट कर दूं कि उसका विरोध करने वाला सबसे पहला आदमी भी मैं रहूंगा मैं और मेरी पार्टी भाजपा सदैव कर्नाटक के किसानों के साथ खड़ी है।"