Nagpur News: यातायात नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ यातायात पुलिस द्वारा ई-चालान की कार्रवाई की जाती है. लेकिन यह चालान बन जाने के बाद क्या होता है? अमूमन देखा गया है कि ज्यादातर मामलों में मोटर चालकों द्वारा अपने ई-चालान का भुगतान ही नहीं किया जा रहा है. अकेले महाराष्ट्र में ही 4200 करोड़ से ज्यादा के चालान पेंडिंग पड़े है. यह बात नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्रकुमार सिंगल ने कही. वे मंगलवार को लोकमत भवन में लोकमत समूह से बात कर रहे थे. इस समय लोकमत मीडिया ग्रुप के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन तथा पूर्व सांसद डॉ. विजय दर्डा भी मौजूद थे. डॉ. सिंगल ने बताया कि वे राज्य की यातायात शाखा के एडीजी रह चुके है. उस दौरान उन्होंने यह देखा है कि यातायात कर्मी वाहन चालकों की गलती पर ई-चालान बना देता है.
लेकिन ज्यादातर वाहन चालक अपने ई- चालान का भुगतान ही नहीं करते है. ज्यादातर यही मानकर चलते है कि लोक अदालत का नोटिस आएगा तो सेटलमेंट कर लेंगे. उन्होंने बताया कि लोक अदालतों के माध्यम से भी अबतक 400 करोड़ के करीब जुर्माना वसूला जा चुका है. लेकिन अभी भी पेंडिंग राशि बहुत ज्यादा है. वाहन चालकों को अपनी गलती का एहसास होना जरूरी है.
यातायात नियमों को तोड़ना कुछ वाहन चालकों की आदतों में शुमार होता जा रहा है. जबकि सड़क पर या चौराहों पर हमें यातायात के नियमों का पालन करने से कोई रोक नहीं रहा है. लेकिन इसके बावजूद सभी को यातायात पुलिस कर्मी की तैनाती चाहिए, ताकि उसे देखकर नियमों का पालन किया जाए. जबकि होना यह चाहिए कि टू व्हीलर चलाने वाला खुद ही हेलमेट याद से पहना करें.
फोर व्हीलर चलाने वाला सीट बेल्ट जरूर बांधे, जेब्रा क्रॉसिंग के पहले अपने वाहनों को रोक ले, वाहनों को सही से पार्क किया जाए. एक सजग नागरिक होने के नाते हमारी खुद की भी कुछ जिम्मेदारियां है, जिसका हमें बखूबी निर्वाह करना चाहिए. अगर सिग्नल रेड है तो मुझे किसी यातायात कर्मी ने यह बताने की जरूरत की क्यों है? जबकि मैंने रेड सिग्नल को नहीं लांघना चाहिए.
डॉ. सिंगल ने कहा कि केवल पुलिस से डंडा लेकर नियमों का पालन करवाने की उम्मीद कर बैठ जाना समस्या का हल नहीं है. बल्कि समाज के हर तबके को सजग होकर आगे आना पड़ेगा. यातायात नियमों के प्रति सभी वाहन चालकों का जागरूक होना और नियमों का कड़ाई से पालन करना ही इस समस्या का सही मायनों में हल होगा.