नागपुरः आखिर वह घड़ी आ ही गई, जिसका नागपुर ग्रामीण के लोगों को बेसब्री से इंतजार था. नागपुर मेट्रो के सेकंड फेज का जमीनी स्तर पर काम शुरू हो सके, इसके लिए आवश्यक जियो टेक्निकल सर्वे (सॉयल टेस्टिंग) वर्क नागपुर मेट्रो के चारों विस्तारित मार्ग पर बीते कुछ दिनों से किया जा रहा है.
यह कार्य पूरा होने के बाद सर्वे रिपोर्ट महामेट्रो को सौंपी जाएगी. इसका अध्ययन कर महामेट्रो द्वारा ठेका कंपनियों से यह रिपोर्ट साझा कर मेट्रो के पिलर और उनकी मजबूती से संबंधित डिजाइन बनाएगी. यह संपूर्ण कार्य जून के दूसरे सप्ताह तक पूरा होकर प्रत्यक्ष निर्माण कार्य जून अंत या जुलाई से प्रारंभ हो सकता है.
गौरतलब है कि नागपुर मेट्रो के 43.8 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क उत्तर नागपुर में कन्हान तक, दक्षिण नागपुर में बूटीबोरी एमआईडीसी तक, पूर्व नागपुर में ट्रांसपोर्टनगर, कापसी तक और पश्चिम नागपुर में हिंगना तक होगा. इसमें से 1.2 किलोमीटर मेट्रो ट्रैक जमीनी यानी एटग्रेड होगा. इस पर 2 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे.
जबकि, 42.6 किलोमीटर का मेट्रो ट्रैक आसमानी यानी एलिवेटेड होगा. इस एलिवेटेड रूट पर 30 मेट्रो स्टेशनों का निर्माण कार्य किया जाएगा. इन निर्माण कार्य के लिए ही वर्तमान में जियो टेक्निकल सर्वे यानी सॉयल टेस्टिंग वर्क उपरोक्त विस्तारित रूट पर किया जा रहा है. इसके तहत प्रत्येक 200 मीटर पर जमीन में गड्ढा कर मिट्टी के नमूने एकत्रित किए जा रहे हैं.
यह गड्ढे तय अंतर पर लगभग 200 स्थानों पर किए जाएंगे. इन नमूनों में ‘अनडिस्टर्बड सॉयल सैम्पल’, ‘डिस्टर्बड सॉयल सैम्पल’ और ‘स्टैंडर्ड पेनिट्रेशन सैम्पल’ का समावेश होगा. इन सभी नमूनों का विश्लेषण करने के बाद संबंधित ठेका कंपनी अपनी सॉयल टेस्टिंग रिपोर्ट महामेट्रो को सौंपेगी.
इस रिपोर्ट के अध्ययन के आधार पर महामेट्रो द्वारा ठेका कंपनी के साथ मिलकर मेट्रो के पिलर और उसकी मजबूती की दृष्टि से डिजाइन तैयार करेगी. इसके बाद प्रत्यक्ष निर्माण कार्य शुरू होगा. यह कार्य वर्ष 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
सेकंड फेज पर एक नजर
- मिहान से बूटीबोरी एमआईडीसी ईएसआर : 18.6 किमी.
- ऑटोमोटिव चौक से कन्हान नदी तक : 13 किमी.
- प्रजापतिनगर से कापसी तक : 5.5 किमी.
- लोकमान्यनगर से हिंगना तक : 6.7 किमी.
निर्माण लागत 6708 करोड़ रु.
नागपुर मेट्रो के पहले चरण की लागत 8680 करोड़ रुपए थी. अब दूसरे चरण की निर्माण लागत 6708 करोड़ रु. आंकी गई है. इस लिहाज से संपूर्ण नागपुर मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत 15388 करोड़ रुपए हो जाएगी. इसमें से केंद्र और राज्य सरकार की हिस्सेदारी क्रमश: 50-50 फीसदी होगी. अन्य वित्तीय सहायता स्थानीय निकाय और विदेशी संस्थाओं से ली जाएगी.
वायाडक्ट और स्टेशन के टेंडर जारी
इस बीच, महामेट्रो ने नागपुर मेट्रो के दूसरे चरण में वायाडक्ट और मेट्रो स्टेशनों के निर्माण के लिए निविदाएं जारी की हैं. कंपनियों से प्राप्त हुई निविदाओं का मूल्यांकन जारी है. यह कार्य मई अंत या जून के पहले सप्ताह तक होने की उम्मीद है. ऐसा होने पर प्रत्यक्ष निर्माण कार्य जून अंत या जुलाई से शुरू हो सकता है.
60 करोड़ रु. कम लगेंगे 1 किमी मेट्रो ट्रैक पर
नागपुर मेट्रो के पहले चरण में प्रत्येक एक किलोमीटर के मेट्रो ट्रैक (स्टेशन/ट्रेन शामिल) के निर्माण पर लगभग 220 करोड़ रुपए का खर्च आया था. लेकिन अब दूसरे चरण के लिए निर्माण लागत कम होगी. 150-160 करोड़ रुपए में ही एक किलोमीटर मेट्रो ट्रैक बनेगा. इसकी प्रमुख वजह यह है कि दूसरे चरण के लिए अलग से मेट्रो डिपो नहीं बनेंगे.
हिंगना और मिहान के मेट्रो डिपो से काम चल जाएगा. वहीं, ऑपरेशन कंट्रोल सिस्टम की भी जरूरत नहीं होगी. इससे खर्च बचेगा. मेट्रो स्टेशनों के निर्माण पर भी अधिक खर्च नहीं करने पर मंथन किया जा रहा है. इतना ही नहीं, पहले चरण की तुलना में दूसरे चरण में अधिक भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं होगी. इससे भी रकम बचेगी.