नगालैंड गोलीबारी : घायलों को अब भी दिल और शरीर दोनों के घाव भरने का इंतजार
By भाषा | Published: December 10, 2021 10:57 AM2021-12-10T10:57:52+5:302021-12-10T10:57:52+5:30
(सुष्मिता गोस्वामी)
मोन (नगालैंड), 10 दिसंबर नगालैंड में गोलीबारी की घटना में घायल हुए लोगों के घाव तो शायद दवाओं से भर जाएं, लेकिन अपने करीबियों को खोने का दर्द उनके दिल में हमेशा एक टीस की तरह चुभता रहेगा।
मोन के सरकारी अस्पताल में गोलीबारी में घायल हुए सात लोगों का इलाज चल रहा है....वहां का नजारा कुछ ऐसा है कि गमज़दा अन्य मरीज या उनके साथ आए लोग भी कुछ कह नहीं पा रहे हैं और आपस में भी फुसफुसा कर ही बात करते हैं।
मोन जिले के ओटिंग गांव में शनिवार को सुरक्षा बलों की गोलीबारी में, कोयला खदान में काम करने वाले छह मजदूरों की मौत हो गई। घटना के बाद में सेना और ग्रामीणों के बीच हुई हिंसक झड़प में सात लोगों की मौत हो गई।
घायलों में से एक टीसी होंगमेई कोन्याक ने कहा, ‘‘पहले हमारे भाइयों की गोली मारकर जान ले ली गई और फिर हमें गोली मारी गई। अब, बाहरी दुनिया ने भी हमें भुला दिया है।’’
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. होइतो सेमा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अस्पताल में भर्ती घायलों की हालत स्थिर है। ‘‘ हादसे के बाद हमने एक चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना किया, लेकिन कर्मचारियों ने कर्मठता एवं दक्षता से काम किया।’’
सेना आपूर्ति कोर के एक पूर्व सैनिक, चोंगमेई ने कहा, ‘‘ हम, ओटिंग में घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचे लोग में से थे, लेकिन हमसे बात किए बिना ही, उस दिन की कहानी गढ़ी जा रही है।’’
सेना की इस घटना को गलत पहचान का मामला बताने की दलील ठुकराते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जहां घात लगाकर हमला किया गया, वह जगह कोयले की खान और करीबी गांवों से कुछ मीटर की दूरी पर ही थी। वह आवासीय क्षेत्र के इतने पास हमला कैसे कर सकते हैं?’’
चोंगमेई, लोअर तिरु के उस दल का हिस्सा थे, जो कोयला खनिकों के शनिवार की शाम समय पर घर ना पहुंचने पर ओटिंग गांव पहुंचे थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सेना के कर्मियों से हमारी बात सुनने का अनुरोध किया.... लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी।’’
उन्होंने माना कि सेना द्वारा छह खनिकों की मौत के संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाने पर, गांव वालों को गुस्सा आ गया और झगड़ा शुरू हुआ।
चोंगमेई ने कहा, ‘‘ हाथापाई में मैंने भी एक-दो मैगजीन निकाल ली थी, लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि वे हम पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर देंगे।’’
चोंगलेई के दाहिने पैर के निचले हिस्से में गोली लगी है। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे मेरे प्रशिक्षण की वजह से पता था कि खुद को कैसे बचाना है, लेकिन सब उतने किस्मत वाले नहीं थे।’’
गोलीबारी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक स्थानीय नेता के चालक को भी गोली लग गई थी। नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ वह हाथापाई की घटना थी। हम बस उम्मीद करते हैं घायल लोग जल्द ठीक हो जाएं।’’
अनुमति मिलने के बाद परिवार के सदस्य और दोस्त अस्पताल में घायलों के साथ मौजूद हैं।
चेम्पई ने कहा, ‘‘ बाहरी दुनिया ने हमें, हमारी किस्मत पर छोड़ दिया है, लेकिन हमारे लोग हमारे साथ दृढ़ता से खड़े हैं।’’ ओटिंग गांव के चेम्पई का भी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।