नई दिल्ली: भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज रह चुके मुरली विजय ने अतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। दिसंबर 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में भारत के लिए अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले मुरली विजय पिछले कुछ समय से बोर्ड से नाराज भी चल रहे थे।
मुरली विजय चार साल से टीम इंडिया से बाहर हैं और इस दौरान कई सारे बल्लेबाजों को सलामी बल्लेबाज के रूप में टीम में मौका मिला लेकिन मुरली विजय को वापसी का मौका नहीं मिला। संन्यास लेने के बाद अब मुरली विजय की योजना विदेशी क्रिकेट लीग में खेलने की है। हालांकि इसके लिए भी उन्हें बीसीसीआई से अनुमति लेनी पड़ेगी और मौजूदा नियमों के तहत बोर्ड भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति नहीं देता।
मुरली विजय ने अपने करियर में 61 टेस्ट, 17 वनडे और 9 टी20 मैच खेले। विजय ने 61 टेस्ट में 3982 रन, 17 वनडे में 339 रन और नौ टी20 मैचों में 169 रन बनाए थे। उन्होंने टेस्ट में 12 शतक लगाए। टेस्ट क्रिकेट में विजय बाकी प्रारूपों की तुलना में ज्यादा सफल रहे और इसमें उनका औसत 38.28 का रहा। टेस्ट में विजय का सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत स्कोर 167 रन रहा।
अपने संन्यास की घोषणा करते हुए विजय ने भावुक नोट भी लिखा। विजय ने लिखा, "आज अपार आभार और विनम्रता के साथ मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा करता हूं। 2002-2018 की मेरी यात्रा मेरे जीवन के सबसे शानदार साल रहे हैं। मैं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई), तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (टीएनसीए), चेन्नई सुपर किंग्स और केमप्लास्ट सनमार द्वारा मुझे दिए गए अवसरों के लिए आभारी हूं।"
विजय ने आगे लिखा, "मेरी टीम के सभी साथियों, कोच, मेंटर और सपोर्ट स्टाफ, आप सभी के साथ खेलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है और मैं आप सभी को मेरे सपने को हकीकत में बदलने में मदद करने के लिए धन्यवाद देता हूं। अंतरराष्ट्रीय खेल के उतार-चढ़ाव के दौरान जिन क्रिकेट प्रशंसकों ने मेरा समर्थन किया है, उनका धन्यवाद। आपका समर्थन हमेशा मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है।"
मुरली विजय ने साथ ही ये भी कहा कि वह इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास के बाद बाहर अलग-अलग लीग में कई तरह के रोल के लिए तैयार हैं। अगर उन्हें कोई जिम्मेदारी मिलती है तो वह उसे निभाएंगे।