पटनाः बिहार के मुंगेर जिले के बरियारपुर थाना में होमगार्ड जवान के खुदकुशी प्रकरण में नया मोड़ आ गया है.
यहां पुलिस ने जिसपर उग्रवादी समझ कर गोली चलाई थी, दरअसल में वह होमगार्ड का जवान था और दो दिन पहले ही थाने में ड्यूटी ज्वाइन की थी. मामले में मुंगेर के एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने हमले को लेकर पूरी स्थिति साफ की है. सोमवार की देर रात को पुलिस और होमगार्ड जवान के बीच गलतफहमी में हुई गोलीबारी में होमगार्ड जवान की मौत हुई थी.
दरअसल, बरियारपुर थाना परिसर स्थित शौचालय सह स्नानागार से हो रही रुक-रुक कर गोलीबारी के कारण पुलिस ने नक्सली एवं अपराधियों के शक में आत्मरक्षा में की गई गोलीबारी में होमगार्ड जवान और मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बाकरपुर निवासी मो. जमील के बेटे मो. जाहिद की मौत हुई थी.
होम गार्ड का एक जवान मो. जाहिद जो इन दिनों काफी डिप्रेशन में चल रहा था
इस मामले में मुंगेर पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि होम गार्ड का एक जवान मो. जाहिद जो इन दिनों काफी डिप्रेशन में चल रहा था, वो अर्द्ध रात्रि में लगभग 11.45 बजे अपने बैरक से निकल कर थाना परिसर स्थित शौचालय में जाकर अचानक से गोली चलाना शुरू कर दिया.
जिसे पुलिस द्वारा थाना पर आपराधिक/नक्सली घटना समझ कर जवाबी कार्रवाई की गई, जिसमें उक्त होम गार्ड जवान की मौत हो गई. इस घटना की सूचना बिभाग के वरीय अधिकारियों के साथ साथ मुंगेर जिलाधिकारी रचना पाटिल, आदि को दे दी गई है और इस संदर्भ में बोर्ड का गठन किया गया है. जिसकी देख रेख में उक्त होम गार्ड के शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा.
मृतक जवान के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाएगी
एसपी ने पत्रकारों को आगे बताया कि मृतक होम गार्ड जवान ने दो तीन दिनों पूर्व ही बरियारपुर थाना पर ड्यूटी पर आया था इसे 50 राउंड गोलियां लाइन से कमान पर मिली थी जिसमे 10 चक्र गोलियां इसने चलाई थी और पुलिस की तरफ से 23 गोलियां चली है. इस मामले में मृतक जवान के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.
मनजीत सिंह ढिल्लों ने बताया की सोमवार की देर रात को लगभग 11:45 बजे बरियारपुर थानाध्यक्ष ने वरीय पुलिस पदाधिकारी को थाना पर हमला होने की सूचना दी थी. थाना परिसर स्थित शौचालय सह स्नानागार से लगातार रुक-रुक कर फायरिंग हो रही थी. घेराबंदी करने के बाद नक्सली या अपराधी को आत्मसमर्पण करने के लिए बोला गया. लेकिन उसके द्वारा फायरिंग नहीं रोका गया.
परिजनों ने साजिश के तहत गोलीबारी करने का आरोप पुलिस पर लगाया है
इसी कारण पुलिस ने फायरिंग की. वहीं घटना की जानकारी मिलते ही डीआईजी मो. शफीउल हक, एसपी मनजीत सिंह ढिल्लों सहित कई वरीय अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की छानबीन की. इसके साथ ही एफएसएल की टीम ने भी घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की जांच करते हुए कई एविडेंस को एकत्रित किया. जबकि परिजनों ने साजिश के तहत गोलीबारी करने का आरोप पुलिस पर लगाया है.
उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा जवाबी आत्मरक्षार्थ फायरिंग में अपराधी या उग्रवादी को ढेर कर दिया गया. लेकिन जब घटनास्थल की तलाशी और अज्ञात व्यक्ति की पहचान कराई गई तो पता चला कि अज्ञात अपराधी या व्यक्ति गृहरक्षक जवान मो. जाहिद है. इस दौरान यह भी पता चला कि उसने अपने सर्विस राइफल से फायरिंग कर रहा था.
मृतक प्रथम दृष्टया मानसिक तनाव में था एवं उसका इलाज भी चल रहा था
एसपी ने बताया कि पूरे घटनाक्रम की मजिस्ट्रियल जांच करने के लिए भी जिला पदाधिकारी को अनुरोध किया गया है. पुलिस जांच में पता चला कि कुछ दिन पहले ही गृहरक्षक कमान बदली के पश्चात थाना में योगदान दिया था. घटना के दिन उसकी पत्नी एवं बेटा उससे मिलने के लिए थाना में आया था. मृतक प्रथम दृष्टया मानसिक तनाव में था एवं उसका इलाज भी चल रहा था. जिसका सत्यापन किया जा रहा है.
यहां उल्लेखनीय है कि पिछले तीन माह में मुंगेर पुलिस से चूक की यह दूसरी घटना है. इससे पहले पिछले साल दशहरा में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान भी पुलिस की गोली से एक युवक की मौत हो गई थी. जिसमें पुलिस ने भीड में चली गोली की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की थी. इस घटना के कारण लगभग दस दिन तक मुंगेर दंगे की आग मे जलता रहा था. अब यह नया मामला सामने आ गया है.