मुंबई: बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन (बीएमसी) ने गुरुवार को उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना के बांद्रा स्थित शाखा कार्यालय को जमींदोज कर दिया है। जानकारी के अनुसार गिराया गया यूबीटी का दफ्तर निर्मल नगर इलाके में है और यह ठाकरे परिवार के निवास मातोश्री से बहुत ज्यादा दूर नहीं है। खबरों के अनुसार इस भवन को लेकर एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना गुट और उद्धव ठाकरे के गुट में तीखी रार चल रही थी।
बताया जा रहा है कि बीएमसी ने उद्धव ठाकरे के जिस दफ्तर पर बुलडोजर चलाया है वो 40 साल पुरानी बताई जा रही है। इस संबंध में उद्धव गुट के नेता सचिन अहीर ने कहा कि बीएमसी ने यह कार्रवाई बिना किसी पूर्व नोटिस के की है। वहीं बीएमसी का कहना है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना गुट का यह दफ्तर अवैध है। इस कारण भवन को गिराया गया है।
मौके पर बीएमसी के अधिकारी और पुलिस के जवान भारी संख्या में मौजूद हैं। वहीं इस कार्रवाई के विरोध में उद्धव गुट के शिवसैनिक भी भारी सख्या में जमा हैं। बीएमसी के इस एक्शन का विरोध करते हुए शिवसेना यूबीटी के लोकसभा सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि बांद्रा में साल 1995 से कई झोपड़ियां भी अधिकृत हैं फिर उन्हें छोड़कर शिवसेना के दफ्तर गिराया जाना एकतरफा कार्रावाई की है। सांसद सावंत ने कहा कि शिंदे गुट बदले की भावना से काम कर रहे हैं।
इस पूरे मामले में सबसे अहम खबर है कि प्रशासन द्वारा गुरुवार को उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के मुख्य दरवाजे पर लगाए गए मेटल डिटेक्टर को हटा दिया है। मुंबई के सियासी गलिय़ारों में बीएमसी की ओर से की गई कार्रवाई महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच जारी वाकयुद्ध के तौर पर देखा जा रहा है।
मालूम हो कि 19 जून को शिवसेना के स्थापना दिवस पर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के गुट में एक-दूसरे पर तीखा प्रहार किया था। उद्धव ठाकरे गुट ने 19 जून को "गद्दार दिवस" के रूप में मनाने का आह्वान किया था वहीं शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे पर कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर शिवसेना के दिवंगत संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा के साथ धोखा देने का आरोप लगाया था।