Bihar Assembly Elections 2025:बिहार विधानसभा चुनाव की गर्माहट के बीच बिहार दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर एनडीए के बाकी साथियों के साथ बैठक कर जीत का फॉर्मूला तय कर गए। इसमें सभी की आम राय बनी है कि बिहार विधानसभा का चुनाव नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में एनडीए के जितने भी साथी शामिल हुए थे, उन्होंने अपने दावे वाली सीटों की सूची सौंप दी है।
भाजपा अब यह देखेगी कि जिन-जिन सीटों पर एनडीए के बाकी साथी अपने उम्मीदवारों को चुनावी दंगल में उतारना चाहते हैं, वहां पर क्या स्थिति है। यह सीट शेयरिंग के लिहाज से एक बड़ा कदम माना जा रहा है। बैठक में एनडीए ने 225 सीटों का टारगेट सेट किया है।
सूत्रों की मानें तो एनडीए में सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला सेट हो गया है। लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी भाजपा और जदयू बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। वहीं चिराग पासवान की लोजपा को 15 से 20 सीटें मिल सकती हैं। सूत्रों के अनुसार लोजपा(रा) की दावेदारी वाली संभावित सीटों में महनार, रघुनाथपुर, गोविंदगंज, गायघाट, खगड़िया, ओबरा, चेनारी, जमालपुर, ब्रह्मपुर, जगदीशपुर, महुआ, साहेबपुर कमाल, समस्तीपुर, हसनपुर, विभूतिपुर, मीनापुर, अलौली, लालगंज, दिनारा, बेलसंड शामिल हैं।
सूत्रों का कहना है कि लोजपा(रा) को सेट करने के बाद जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एडजस्ट किया जाएगा। जीतन राम मांझी ने भी 20 सीटों की दावेदारी पेश कर दी है। सूत्रों की मानें तो जदयू और भाजपा कम से कम 100-100 सीटें पर तो लड़ेगी। पिछली बार भाजपा को 121 और जदयू को 122 सीटें मिली थीं। जदयू ने अपने कोटे से 7 सीटें हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को दी थीं। भाजपा ने अपनी सीटों में से 11 मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को दी थी।
उल्लेखनीय है कि जदयू वर्ष 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में पिछड़ गई थी और विधान सभा में नंबर वन से नंबर तीन की पार्टी बन गई थी। इसे मात्र 43 सीट जीत पाई थी। लेकिन तब से रिकवर होते-होते लोकसभा चुनाव में मजबूत हो गई। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में जदयू का स्ट्राइक रेट भाजपा से कहीं ज्यादा था। जबकि भाजपा ने 75 सीट जीतने में कामयाब हुई थी। वहीं, जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने चार और वीआईपी ने चार सीटों पर जीत हासिल की थी।
बता दें कि एनडीए में अभी पांच दल हैं। भाजपा और जदयू के अलावा जीतन राम मांझी की हम (हम), चिराग पासवान की लोजपा(रा) और उपेंद्र कुशवाहा की रालोमो(आरएलएम) शामिल हैं। इसके अलावा पशुपति पारस की रालोजपा ने घोषित तौर पर अभी तक न एनडीए छोड़ा है और न एनडीए ही उन्हें बाहर बताता है।
वहीं मुकेश सहनी की वीआईपी की भी एनडीए में वापसी की चर्चा हो रही है। सूत्र बताते हैं कि लोकसभा चुनाव में जो गलतियां हुई उसे विधानसभा में नहीं दोहराया जाएगा। सीट बंटवारे के दौरान 2015 का जो फार्मूला था उसको नज़ीर के तौर पर रखा जाएगा।