केरल में मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ) की बैठक में संगठन की महिला सदस्यों को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप का सामना कर रहे एक शीर्ष नेता ने बृहस्पतिवार को घटना पर खेद प्रकट किया लेकिन वह अपने इस दावे पर कायम रहे कि उन्होंने कोई भी शब्द दुर्भावनापूर्ण इरादे से नहीं कहा।इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की छात्र इकाई एमएसएफ के प्रमुख पीके नवाज़ ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर घटना के बारे में अपना पक्ष बताया। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने हाल ही में एमएसएफ की राज्य समिति की बैठक के दौरान किसी के खिलाफ कोई "व्यक्तिगत या लिंग-विशिष्ट" टिप्पणी नहीं की जैसा संगठन की महिला इकाई ‘हरिथा’ की नेताओं ने आरोप लगाया है। नवाज़ ने पोस्ट में कहा, “मैंने बैठक के दौरान दुर्भावनापूर्ण इरादे से एक भी शब्द नहीं कहा, जिसमें एक महिला कार्यकर्ता सहित लगभग 30 लोगों ने शिरकत की थी। अगर बैठक में शामिल मेरे किसी सहयोगी को गलतफहमी या किसी अन्य कारण से ठेस पहुंची हो तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।” ‘हरिथा’ नेताओं के एक समूह ने नवाज़ समेत संगठन के कुछ पुरुष नेताओं द्वारा की गईं कथित अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ राज्य महिला आयोग का रुख किया था। उन्होंने कहा कि उन्हें आयोग से इसलिए संपर्क करना पड़ा क्योंकि आईयूएमएल नेतृत्व 'दोषी' के विरूद्ध समय रहते कार्रवाई करने में नाकाम रहा।
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