लाइव न्यूज़ :

नसबंदी के लिए एक भी आदमी को नहीं मना पाए जो स्वाथ्यकर्मी, नहीं दी जाएगी उनकी सैलरी, किए जाएंगे रिटायर

By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: February 21, 2020 11:56 IST

मध्य प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि जो स्वास्थ्यकर्मी एक भी आदमी को नसबंदी के लिए नहीं मना पाए, उनका वेतन नहीं दिया जाएगा।

Open in App
ठळक मुद्देमध्य प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि जो स्वास्थ्यकर्मी एक भी आदमी को नसबंदी के लिए नहीं मना पाए, उनका वेतन नहीं दिया जाएगा।आदेश में कहा गया है कि ऐसे स्वास्थ्यकर्मियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया जाएगा। राज्य सरकार ने यह आदेश पुरुष बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्यकर्मियों के लिए जारी किया गया है।

मध्य प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि जो स्वास्थ्यकर्मी एक भी आदमी को नसबंदी के लिए नहीं मना पाए, उनका वेतन नहीं दिया जाएगा। आदेश में कहा गया है कि ऐसे स्वास्थ्यकर्मियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया जाएगा। राज्य सरकार ने यह आदेश पुरुष बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्यकर्मियों के लिए जारी किया गया है।

आदेश में कहा गया है कि जो स्वास्थ्यकर्मी 2019-20 में एक भी शख्स को नसबंदी कराने के लिए नहीं मना पाए, उनका वेतन नहीं दिया जाएगा और उन्हें अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया जाएगा।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -4 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने शीर्ष जिला अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचएमओ) को निर्देश दिया कि वे ऐसे पुरुष स्वास्थ्यकर्मियों की पहचान करें, जिन्होंने 2019-20 की अवधि में एक भी पुरुष की नसबंदी नहीं की थी। महीने और "कोई काम नहीं वेतन" सिद्धांत लागू होते हैं। यह अवधि अगले महीने समाप्त हो रही है। ऐसे लोगों के लिए 'काम नहीं, भुगतान नहीं' के सिद्धांत को लागू किया जाएगा। 

 

टाइम्स नाउ की वेबसाइट के मुताबिक, एक अधिकारी ने सैलरी नही देने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि परिवार नियोजन के मामले में कई लोग जागरूक नहीं हैं। इसलिए यह स्वास्थ्यकर्मियों का दायित्व है कि वे उन्हें समझाएं।

बता दें कि 1975 में जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया, तो उनके बेटे संजय गांधी ने गरीब लोगों की नसबंदी करने के लिए एक भीषण अभियान चलाया था। कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने बताया था कि गांवों में पुरुषों को जबरन सर्जरी के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य क्लीनिकों में ले जाया गया।

1976 तक भारत सरकार ने करीब 62 लाख लोगों की नसबंदी कराई थी और दो हजार से ज्यादा लोग खराब ऑपरेशन के कारण मर गए थे। 

टॅग्स :मध्य प्रदेशकमलनाथलोकमत हिंदी समाचार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतपंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की गतिविधियां आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार लाने में देती हैं महत्वपूर्ण योगदान, मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतकानून की पकड़ से बच नहीं सकेगा कोई भी अपराधी, सीएम मोहन यादव बोले-कानून सबके लिए

भारतदिवंगत निरीक्षक स्व. शर्मा के परिजन को 1 करोड़ रुपये?, अंकित शर्मा को उप निरीक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति

कारोबारहैदराबाद के निवेशकों के साथ जोड़ने आए हैं नई डोर, सीएम मोहन यादव बोले- 36,600 करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 27,800 रोजगार सृजित

क्राइम अलर्टकिशनगंज में देह व्यापार भंडाफोड़, मॉल में 2 लड़की से दोस्ती, नौकरी दिलाने का झांसा देकर बिशनपुर लाई, सिंगरौली की 23 वर्षीय युवती ने दलदल से भागकर बचाई जान

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Crisis: लगातार फ्लाइट्स कैंसिल कर रहा इंडिगो, फिर कैसे बुक हो रहे टिकट, जानें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए