खरगोन सांप्रदायिक हिंसा: 'युवक से तलवार छिनने की कोशिश की, उसके दोस्त ने मार दी गोली', घायल पुलिस अधिकारी ने कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 13, 2022 01:50 PM2022-04-13T13:50:00+5:302022-04-13T13:57:31+5:30

खरगोन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने कहा है कि जब मैंने युवक से तलवार छिनने की कोशिश की तभी मेरा अंगूठा कट गया। जब मैंने उसे दोबारा पकड़ने की कोशिश की तभी उसके दोस्त ने मुझ पर गोली चला दी और मेरा पैर घायल हो गया।

mp khargone communal violence injured police office rioters | खरगोन सांप्रदायिक हिंसा: 'युवक से तलवार छिनने की कोशिश की, उसके दोस्त ने मार दी गोली', घायल पुलिस अधिकारी ने कहा

खरगोन सांप्रदायिक हिंसा: 'युवक से तलवार छिनने की कोशिश की, उसके दोस्त ने मार दी गोली', घायल पुलिस अधिकारी ने कहा

Highlightsमध्य प्रदेश के खरगोन में बीते 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन सांप्रदायिक हिंसा हुई थी।घायल होने वाले एसपी ने कहा है कि एक दंगाई से तलवार छिनने के दौरान उन्हें गोली मारी गई थी।एसपी को सर्जरी कराने की जरूरत नहीं पड़ी लेकिन उन्हें पूरी तरह से आराम करने की सलाह दी गई है।

भोपाल: मध्य प्रदेश के खरगोन में बीते 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन हुई सांप्रदायिक हिंसा में घायल होने वाले खरगोन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने कहा है कि एक दंगाई से तलवार छिनने की कोशिश के दौरान उन्हें गोली मारी गई थी।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, चौधरी ने कहा कि सांप्रदायिक संघर्ष की बात सुनकर मैं मौके पर पहुंचा। मैंने एक युवक को तलवार के साथ देखा और उसके पीछे भागा।

उन्होंने आगे कहा कि जब मैंने उससे तलवार छिनने की कोशिश की तभी मेरा अंगूठा कट गया। जब मैंने उसे दोबारा पकड़ने की कोशिश की तभी उसके दोस्त ने मुझ पर गोली चला दी और मेरा पैर घायल हो गया।

हालांकि, चौधरी को सर्जरी कराने की जरूरत नहीं पड़ी लेकिन उन्हें पूरी तरह से आराम करने की सलाह दी गई है।

खरगोन के अतिरिक्त कलेक्टर सुमेर सिंह मुजाल्दे ने कहा कि 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस पर कथित तौर पर पथराव किया गया, जिसके बाद पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पथराव से आगजनी हुई और कई वाहनों और घरों में आग लगा दी गई। झड़प में घायल होने वालों में तीन पुलिस कर्मी भी शामिल हैं।

घटना के बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है। नागरिकों से कहा गया था कि वे चिकित्सा आपात स्थिति को छोड़कर बाहर न निकलें। हिंसा के सिलसिले में अब तक 100 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

राज्य सरकार ने संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए हिंसा में कथित तौर पर शामिल आरोपियों के घरों को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के ध्वस्त कर दिया है।

वहीं, भोपाल में इस्लामिक मौलवियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी से मुलाकात की और कहा कि सेंधवा और खरगोन में रामनवमी के जुलूस में शामिल लोगों ने मस्जिदों पर भगवा झंडा फहराया और आपत्तिजनक नारे लगाए, जिससे हिंसा हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बावजूद मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और झड़पों के लिए दोषी ठहराया जा रहा है।

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