नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र में आज लोकसभा में सांसदों के निलंबन को हटाने का प्रस्ताव पारित हुआ, जिसके बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच चल रहा गतिरोध समाप्त हुआ। सोमवार को सदन में मंहगाई वृद्धि को लेकर चर्चा शुरू की गई। बता दें कि बीते सप्ताह महंगाई को लेकर सदन के अंदर तख्तियों के साथ विरोध प्रदर्शन करने के लिए कांग्रेस के चार सांसदों को पूरे सत्र के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद दूसरे दिन राज्यसभा के 19 सांसदों को शेष सप्ताह के लिए निलिंबित किया गया था।
सोमवार को कांग्रेसी विधायकों के निलंबन को लेकर विपक्ष द्वारा सदन में हंगामा किया गया। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सांसदों के निलंबन वापसी का प्रस्ताव पेश किया था। जिन 4 कांग्रेस सांसदों का निलंबन लोकसभा से वापस हुआ है, उनमें से तीन सांसद माणिक टैगौर, राम्या हरिदासी और ज्योति मणि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ संसद में मौजूद हैं।
निलंबन होने के बाद सदन की कार्यवाही शुरू की गई। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सांसदों को स्पष्ट कहा कि वे आगे सदन में तख्तियां लेकर न आएं। अगर उनकी ओर से ऐसा दोबारा किया जाता है तो वे न सरकार की सुनेंगे और न विपक्ष की। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा ऐसे सांसदों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। बिड़ला ने चेतावनी देते हुए कहा कि वे आखिरी मौका दे रहे हैं।
कांग्रेसी सांसदों के निलंबन वापस लेने से पहले संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कांग्रेस ने आश्वासन मांगा था कि अगर वे भविष्य में सदन के अंदर तख्तियां लेकर नहीं आएंगे तब हम उनके निलंबन की वापसी को तैयार हैं। सत्तापक्ष ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे सदन में चर्चा से भाग रहे हैं और सदन को सुचारू रूप से चलाने में बाधा डाल रहे हैं।