नई दिल्ली, 22 मार्च। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को जमानत दे दी है। इसके साथ ही सीबीआई कोर्ट ने उन्हें 50 हजार रुपये का बॉन्ड भरने का निर्देश भी दिया है। तारिनी ग्रुप ऑफ कंपनीज के डॉयरेक्टर व प्रमोटर वकामुल्ला चंद्रशेखर को मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत केंद्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार न्यायिक हिरासत में भेजा था।
क्या है वीरभद्र सिंह मनी लॉन्ड्रिंग केसबता दें कि साल 2015 में प्रवर्तन निदेशाल ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत वीरभद्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के खिलाफ धनशोधन जांच के मामले में बीते साल करीब 5 करोड़ 60 लाख रुपये की सम्पत्ति जब्त की थी। ईडी के अलावा इस मामले में सीबीआई भी वीरभद्र सिंह से जुड़े मामले की जांच कर रही है।
इससे पहले आरोपी आनंद चौहान को ईडी ने 9 जुलाई 2016 को गिरफ्तार किया था। सीबीआई की ओर से दर्ज केस में चुन्नी लाल, स्टांप पेपर वेंडर जोगिंद्र गाल्टा, एमडी तरानी इन्फ्रास्क्चर वकामुल्ला चंद्रशेखर और लवण कुमार रोच, प्रेम राज और राम प्रकाश भाटिया की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संलिप्तता के चलते उन्हें आरोपी बनाया गया है।