मोदी सरकार के बुने चक्रव्यूह में फंस गया विपक्ष, अविश्वास प्रस्ताव के जरिए बेनकाब करने की तैयारी में बीजेपी!
By आदित्य द्विवेदी | Updated: July 19, 2018 16:06 IST2018-07-19T12:16:36+5:302018-07-19T16:06:15+5:30
जेपी के संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि बहुमत को लेकर हम पूरी तरह आश्वस्त हैं। बीजेपी अकेले पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पार कर सकती है। सहयोगी दलों के साथ मिलकर यह आंकड़ा कहीं बढ़ जाएगा।

All you need to Know about No-Confidence Motion
नई दिल्ली, 19 जुलाईः बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए हामी भर दी है। सरकार नहीं चाहती है कि देश में यह संदेश जाए कि बीजेपी 'फ्लोर टेस्ट' से घबरा रही है। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के जरिए सरकार अपनी शक्ति दिखाना चाहती है जिससे गैर-बीजेपी गठबंधन की संभावनाओं को एक झटका लगे। बता दें कि पिछले कुछ वक्त से ऐसी खबरें आ रही हैं कि एनडीए के कई सहयोगी दल नाराज चल रहे हैं।
पार्टी ने सभी सांसदों से गुरुवार और शुक्रवार को संसद में उपस्थित रहने का व्हिप जारी किया है। बीजेपी के संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि बहुमत को लेकर हम पूरी तरह आश्वस्त हैं। बीजेपी अकेले पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पार कर सकती है। सहयोगी दलों के साथ मिलकर यह आंकड़ा कहीं बढ़ जाएगा।
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लोकसभा का मौजूदा गणित
लोकसभा की कुल सदस्य संख्याः- 544
मौजूदा सांसदों की संख्याः- 534
रिक्तियांः- 10
बहुमत का जादुई आंकड़ाः- 268
बीजेपी नहीं विपक्षी दलों को खतरा
इस लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के पास 273 सांसद हैं। वो अकेले पूर्ण बहुमत साबित करने में सक्षम है। उसके सहयोगी दलों के पास 41 सीटें हैं। वहीं विपक्षी दलों में कांग्रेस के पास 48 सांसद, टीएमसी के पास 34 और टीडीपी के पास 16 सांसद हैं। कुल मिलाकर यह आंकड़ा 147 पर पहुंचता है। इसके अलावा गैर-गैठबंधन वाले दलों के पास कुल 73 सीटें हैं। ऐसे में सरकार को अविश्वास प्रस्ताव से चिंता करने की बिल्कुल जरूरत नहीं है।
बीजेपी नेताओं का दावा है कि अविश्वास प्रस्ताव पर एनडीए के बाहर के दलों का भी समर्थन मिलेगा जिसमें पीएमके, स्वाभिमानी पक्ष शामिल हैं। बीजेपी सासंद व्हिप का पालन करेंगे लेकिन बागी सांसद कीर्ती आजाद और सावित्री फुले का स्टैंड स्पष्ट नहीं है।
विपक्षी दलों को सावधानी से विचार करना चाहिए क्योंकि अगर क्रॉस वोटिंग होती है तो उनके अपने सांसदों की सदस्यता पर खतरा मंडरा सकता है। शिवसेना की नाराजगी पर बीजेपी का कहना है कि वो गमठबंधन का साथ देगी। केंद्र सरकार में उनके तीन मंत्री शामिल हैं।
बुधवार को संसद सत्र के पहले दिन लोकसभा अध्यक्ष ने 50 से ज्यादा सांसदों के समर्थन की गिनती की। इसके बाद उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव मंजूर कर लिया। शुक्रवार (20 जुलाई) को इस पर वोटिंग की जाएगी। पहले पूरे दिन इस पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी भी सदन में अपना पक्ष रखेंगे। इसके बाद इस प्रस्ताव पर वोटिंग होगी।
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