जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के सौ दिन बाद सरकार वहां पर नजरबंद किए गए और निगरानी में रखे गए नेताओं में से कुछ को रिहा करने पर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक दुनिया के कई मुल्कों ने इस बात को लेकर सरकार से सवाल किए हैं, जिसके बाद यह कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है. हालांकि ये तमाम देश धारा 370 हटाने को भारत का आतंरिक मामला करार दे चुके हैं और इस विषय पर पाकिस्तान की दलीलों को सिरे से खारिज भी कर चुके हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह भारत की कूटनीतिक जीत है कि धारा 370 हटाने पर किसी भी देश ने पाकिस्तान के नजरिये का समर्थन नहीं किया. इस अधिकारी ने कहा कि दुनिया यह समझ गई है कि कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के पीछे साझ तौर पर पाकिस्तान का हाथ है. यही वजह है कि पाक अब तक कश्मीर मामले पर दुनिया के किसी भी देश को अपने साथ लाने में असफल रहा है. इतना ही नहीं मुस्लिम देश भी पाकिस्तान का साथ नहीं देना चाहते. वहीं विदेश मंत्रालय ने इस मामले में दुनिया के मुल्कों के सामने अपना पक्ष रखा है और हम लगातार उनके सवालों का जवाब दे रहे हैं.
अयोध्या पर दुनिया के 100 देशों को जानकारी दी
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद विदेश मंत्रालय ने अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, जापान, दक्षिण कोरिया, इजराइल सहित सौ देशों को इसकी जानकारी दी. विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि सभी देशों को अवगत कराया गया है कि यह फैसला बीते 50 वर्षों से लंबित था. भारतीय संविधान में सुप्रीम कोर्ट की मान्यता सवार्ेपरि है. अगर उसका कोई फैसला आता है, तो सरकार बाध्य है कि वह उसका अनुपालन करे. देश का हर नागरिक सुप्रीम कोर्ट को लेकर यही मान्यता रखता है.