नई दिल्ली: प्रधानमंत्री की गद्दी पर पहुंचने के लिए तेलुगूदेशम पार्टी, जदयू समेत एनडीए के अन्य सहयोगी दलों के साथ चल रही लेनदेन की सियासत को झेल रहे कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उस समय भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, जब देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी ने उनके ही वादों को लेकर निशाना साधा और आरोपों के कटघरे में खड़ा कर दिया।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार लोकसभा चुनाव नतीजों के सामने आने के बाद कांग्रेस ने बीते गुरुवार को नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि क्या वह आंध्र प्रदेश और बिहार राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा देने के अपने वादे को पूरा करेंगे।
कांग्रेस की ओर से हमले की अगुवाई करते हुए पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने संभावित मोदी 3.0 सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या यह "मोदी 1/3 सरकार" है।
कांग्रेस महासचिव ने नरेंद्र मोदी से चार सवाल पूछे और कहा कि उनके पास आंध्र प्रदेश के लिए दो और बिहार के लिए दो प्रश्न हैं।
जयराम रमेश ने कहा, "चुनाव बाद चुने जाने वाले एक-तिहाई प्रधानमंत्री से हमारे चार सवाल हैं। पहला कि 30 अप्रैल 2014 को तिरुपति में आपने आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने का वादा किया था। क्या अब वह वादा पूरा होगा?
दूसरा क्या आप अब विशाखापत्तनम स्टील प्लांट का निजीकरण रोकेंगे?
तीसरा क्या आप बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देकर अपना 2014 का चुनावी वादा और अपने सहयोगी नीतीश कुमार की दस साल पुरानी मांग को पूरा करेंगे?
चौथा बिहार की तरह पूरे देश में जातीय जनगणना होगा?
जयराम रमेश की यह टिप्पणी हाल के घटनाक्रमों पर आधारित है, जहां भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों में 272 सीटों के बहुमत के आंकड़े से काफी पीछे 240 पर रह गई है और अब उन्हें सरकार बनाने के लिए नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू के समर्थन की दरकार है।
नायडू की पार्टी ने आंध्र प्रदेश में 16 और नीतीश कुमार की पार्टी ने बिहार में 12 सीटें जीती हैं। वहीं एनडीए के अन्य गठबंधन सहयोगियों के आंकड़ों को मिला लें तो बहुमत का आंकड़ा आसानी से पार हो जाता है।
वहीं कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 99 सीटें हासिल की हैं, जो 2019 की तुलना में काफी बड़ी संख्या है, जब उसे केवल 52 सीटें हासिल हुई थीं। मौजूदा संसद में विपक्षी गठबंधन इंडिया की कुल संख्या 234 है।
इस बीच सूत्रों ने बताया कि नरेंद्र मोदी 9 जून को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। पहले अटकलें थीं कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली नई एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण समारोह शनिवार को होगा।
बुधवार को एनडीए ने सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को तीसरी बार अपना नेता चुनने का प्रस्ताव पारित किया। यह फैसला बुधवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर हुई एक अहम बैठक में लिया गया। एनडीए नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और पिछले दशक में उनके मार्गदर्शन में राष्ट्र द्वारा की गई प्रगति की प्रशंसा की।
इस बीच, केंद्रीय कैबिनेट की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को 17वीं लोकसभा भंग कर दी है।