Modi 3.0 Cabinet: केंद्र की मोदी सरकार में शामिल मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर जारी सियासत के बीच राष्ट्रीय लोक मोर्चा(रालोमो) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा है कि केंद्रीय कैबिनेट में शामिल बिहार के मंत्रियों के बीच विभागों के वितरण को लेकर मीडिया में अनावश्यक बहस चलाई जा रही है। आदमी को हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए। किसी भी क्षेत्र में प्रगति की यह प्रथम शर्त है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि मेरी समझ से सभी मंत्रालय महत्वपूर्ण हैं।
बस, काम करने की दृढ़ इच्छाशक्ति और मजबूत व पक्का इरादा के साथ कुछ कर गुजरने की दृष्टि होनी चाहिए। आखिर क्या चाहिए बिहार को? अच्छी शिक्षा और अच्छा स्वास्थ्य के अलावा किसानों के घर खुशहाली और नौजवानों के हाथों को काम ही न। जरा सोचिए, किसानों को उनकी फसल का लाभकारी मूल्य और नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने वाला महत्वपूर्ण विभाग किसके पास है?
बिहार के मंत्रियों के पास ही न। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय चिराग पासवान जी के पास, सुक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्रालय जीतन राम मांझी जी के पास और पंचायती राज, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय ललन सिंह जी के पास है और कपड़ा मंत्रालय जो गिरिराज सिंह जी के पास है, के माध्यम से भी बड़ी संख्या में रोजगार पैदा किया जा सकता है।
रामनाथ ठाकुर जी के माध्यम से कृषि मंत्रालय और राज भूषण निषाद जी के माध्यम से जल शक्ति मंत्रालय में भी हमारी दखलअंदाजी है। क्या ऐसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का बिहार के पास होना एक अवसर नहीं है हमारे लिए? जहां तक शिक्षा व स्वास्थ्य का सवाल है। इन दोनों विषयों में मुख्य जवाबदेही का कार्यक्षेत्र राज्य की सरकार के पास है। जहां मुख्यमंत्री जी पहले से लगे और डटे हैं।
अत: अनावश्यक बहस में लगे लोगों से आग्रह है कि चुनाव खत्म हो चुका है। केंद्र में काम करने वाली सरकार बन चुकी है। आइए, हम सब मिलकर ऋणात्मक बहस के बजाए सकारात्मक होकर बिहार की प्रगति की चिंता में लगे। टांग खिंचाई की जगह सहयोगात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें। अन्यथा समय निकलते जाएगा और हमारा बिहार पीछे छूटता ही चला जाएगा...।