Mission Gaganyaan: इसरो के मिशन गगनयान की सफल लॉन्चिंग पर पीएम मोदी ने दी बधाई, कही ये बात
By अंजली चौहान | Published: October 21, 2023 01:42 PM2023-10-21T13:42:30+5:302023-10-21T13:44:15+5:30
भारत के प्रस्तावित पहले मानव अंतरिक्ष मिशन की पहली परीक्षण उड़ान सफलतापूर्वक आयोजित होने के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को बधाई दी।
Mission Gaganyaan: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का मिशन गगनयान सफलतापूर्वक शनिवार को लॉन्च किया गया। यह परीक्षण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से लॉन्च किया गया। पहले मानव अंतरिक्ष मिशन की पहली परीक्षण उड़ान सफलतापूर्वक आयोजित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को बधाई दी।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए इसरो को बधाई देते हुए पोस्ट किया और लिखा, "यह प्रक्षेपण हमें भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान को साकार करने के एक कदम और करीब ले जाता है। हमारे वैज्ञानिकों को मेरी शुभकामनाएं
@इसरो..."
This launch takes us one step closer to realising India’s first human space flight program, Gaganyaan. My best wishes to our scientists at @isro. https://t.co/6MO7QE1k2Z
— Narendra Modi (@narendramodi) October 21, 2023
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से टीवी-डी1 प्रक्षेपण यान का प्रक्षेपण तकनीकी खामियों के कारण शुरुआती पोस्टपोस्ट के बाद सुबह 10 बजे किया गया।
दरअसल, क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम से सुसज्जित एकल-चरण तरल प्रणोदन रॉकेट के साथ मानव रहित उड़ान परीक्षण पहले आज सुबह साढ़े आठ बजे के लॉन्च के लिए तैयार किया गया था हालांकि ऐसा हो नहीं पाया। तकनीकी गड़बड़ी के कारण कुछ देर के लिए मिशन स्थगित हुआ लेकिन बाद में इसे सही कर लिया गया।
उड़ान परीक्षण, जिसे परीक्षण वाहन विकास उड़ान मिशन-1 (टीवी-डी1 उड़ान परीक्षण) के रूप में नामित किया गया है, यह गगनयान मिशन के हिस्से के रूप में क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम के प्रदर्शन और सुरक्षा को प्रदर्शित करेगा।
रॉकेट लॉन्च के बाद यह बंगाल की खाड़ी में सुरक्षित लैंडिंग का भी परीक्षण करेगा। वाहन 34.9 मीटर लंबा है और इसका भार 44 टन है। टीवी-डी1 उड़ान की संरचना एक सिम्युलेटेड थर्मल सुरक्षा प्रणाली के साथ एकल-दीवार वाली बिना दबाव वाली एल्यूमीनियम संरचना है।
इसरो के अनुसार, क्रू मॉड्यूल, चालक दल के लिए अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसे वातावरण वाला एक रहने योग्य स्थान है, जिसमें एक दबावयुक्त धात्विक 'आंतरिक संरचना' और 'थर्मल सुरक्षा प्रणालियों' के साथ एक बिना दबाव वाली 'बाहरी संरचना' होती है।
यह क्रू इंटरफेस, लाइफ सपोर्ट सिस्टम, एवियोनिक्स और डिसेलेरेशन सिस्टम से भी सुसज्जित है और उतरने से लेकर टचडाउन तक क्रू की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुन: प्रवेश के लिए भी डिजाइन किया गया है।
संपूर्ण परीक्षण उड़ान अनुक्रम संक्षिप्त होने की उम्मीद है क्योंकि टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन (टीवी-डी1) 17 किमी की ऊंचाई पर क्रू एस्केप सिस्टम और क्रू मॉड्यूल लॉन्च करेगा, जिससे लगभग 10 किमी की ऊंचाई पर समुद्र में सुरक्षित लैंडिंग की उम्मीद है। भारत के पूर्वी तट पर श्रीहरिकोटा से किमी. बाद में उन्हें नौसेना द्वारा बंगाल की खाड़ी से पुनः प्राप्त किया जाएगा।