Milkipur Upchunav: फैजाबाद संसदीय क्षेत्र की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में बुधवार को मतदान एक नया रिकॉर्ड बन गया. शाम 5 बजे तह इस सीट पर 65.25 फीसदी से ज्यादा वोट पड़ गए. जबकि वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में तब 51.84 फीसदी वोट ही पड़े थे. बढ़े हुए इस मतदान को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता खासे उत्साहित है. उनका दावा है कि सपा इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने में सफल होगी. फिलहाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ऐसा दावा नहीं कर रहे हैं. उनका कहना है कि मतदान पूरा होने के बाद ही इस बारे में प्रतिक्रिया देंगे.
Milkipur Upchunav: सीएम योगी और अखिलेश की प्रतिष्ठा दांव पर
ऐसे दावों के बीच में यूपी की मिल्कीपुर सीट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की साख दांव पर लगी है. बीते वर्षों में सिर्फ एक बार इस सीट पर भाजपा को जीत हासिल हुई है. इसलिए यह उपचुनाव सीएम योगी के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव बन गया है. वही सपा मुखिया अखिलेश यादव भी इस सीट को जीत कर अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ाना चाहते हैं.
यही वजह है कि इस सीट से चुनाव लड़ रहे सपा के उम्मीदवार अजीत प्रसाद और भाजपा के उम्मीदवार चंद्रभान पासवान पर चर्चा करते हुए लोग यह कह रहे हैं कि इस चुनाव में सीएम योगी और सपा मुखिया अखिलेश यादव के बीच ही चुनाव हो रहा है. शायद यही वजह है कि इस सीट पर मतदाता खुलकर वोट डालने के लिए बाहर निकले हैं.
इस सीट पर शाम चार बजे तक हुए मतदान ने सपा और भाजपा दोनों को ही भौच्चका कर दिया है. भाजपा को उम्मीद नहीं थी कि इतनी बड़ी संख्या में लोग मतदान करने निकलेंगे. सपा नेता बढ़े हुए मतदान को अपने पक्ष में हुआ मतदान बता रही है.
सपा सांसद अवधेश प्रसाद का कहना है कि यह सीट समाजवादी रंग में रंगी हुई है. पूरे प्रदेश में भगवा लहर होने के बाद भी बीते विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद ने यहां से जीते थे और अब उनके पुत्र अजीत प्रसाद इस सीट से चुनाव जीतने जा रहे हैं.
Milkipur Upchunav: सीधा मुक़ाबला
मिल्कीपुर सीट से कुछ दस प्रत्याशी मैदान में हैं. बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है, लेकिन भीम आर्मी के प्रमुख, सांसद चंद्रशेखर आजाद ने अपनी आजाद समाज पार्टी से सूरज चौधरी को इस सीट से सियासी मैदान में उतारा है. मिल्कीपुर में चर्चा है कि इस सीट पर भाजपा के चंद्रभान पासवान और सपा के अजीत प्रसाद में सीधी मुक़ाबला है.
अब देखना यह है कि तीन लाख 58 हजार मतदाता वाली इस सीट पर मतदाताओं ने किसको अपना आशीर्वाद सबसे अधिक दिया है. इस सीट पर एक लाख 40 हजार दलित मतदाता हैं. जिसमें 50 हजार पासी, 50 हजार ब्राह्मण, 60 हजार यादव, 50 हजार मुसलमान, 30 हजार राजपूत हैं. चुनाव के दौरान इस सीट पर कोई प्रमुख मुद्दा हावी नहीं रहा है.
चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में जरूर इस सीट पर एक दलित युवती की हत्या और महाकुंभ के दौरान भगदड़ में लोगों ही हुई मौत का मुद्दा जरूर चर्चा में रहा है. अब देखना यह है कि मिल्कीपुर के लोगों के इस सीट पर भारी मतदान कर सीएम योगी और अखिलेश के उम्मीदवारों में से किसे अपना आशीर्वाद दिया है.
अब यदि भाजपा इस उप चुनाव में यहां से जीत का परचम लहरा पाने में सफल होती है तो वो लोकसभा चुनाव में फैजाबाद संसदीय सीटपर मिली हार का बदला लेने में कामयाब हो जाएगी, परंतु यदि सपा अपने गढ़ को बचा पाने में कामयाब हुई तो इसे अखिलेश यादव की बड़ी जीत के तौर पर देखा जाएगा.