Coronavirus lockdown in India: गृह मंत्रालय ने नियम बदले, प्रवासी मजदूरों को खाने, रहने के साथ-साथ मिलेंगी हेल्थ सुविधाएं
By निखिल वर्मा | Published: March 28, 2020 03:27 PM2020-03-28T15:27:25+5:302020-03-28T16:03:08+5:30
Coronavirus lockdown: भारत में कोरोना वायरस (Covid-19) के प्रसार रोकने के लिए 14 अप्रैल 2020 तक लॉकडाउन जारी रहेगा. काम ठप हो जाने की वजह से विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की समस्या को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य आपदा राहत कोष ने नियम बदले हैं। गृह मंत्रालय ने कहा है कि बंद के दौरान राज्य आपदा राहत कोष से प्रवासी मजदूरों को चिकित्सकीय सहायता और कपड़े मुहैया कराए जाएंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के तहत दी जाने वाली सहायता के नियमों में शनिवार को बदलाव किया जिसके तहत 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन और ठहरने की अस्थायी व्यवस्था के लिए इस कोष से पैसा दिया जाएगा।
MHA directs States/UTs to include 'Provisions for temporary accommodation,food,clothing,medical care etc. for homeless people, including migrant labourers,stranded due to #Lockdown21&sheltered in relief camps' under SDRF fund allocations: Spokesperson, Ministry of Home Affairs pic.twitter.com/Qn6kkxfYYU
— ANI (@ANI) March 28, 2020
मंत्रालय ने सभी मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित बंद के दौरान प्रवासी मजदूरों को चिकित्सा सेवा एवं कपड़े भी उपलब्ध कराए जा सकते हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक एसडीआरएफ के नये नियमों के तहत अस्थायी आवास, भोजन, कपड़े, चिकित्सीय देखभाल आदि का प्रावधान बंद के चलते फंसे प्रवासी मजदूर समेत बेघर लोगों तथा राहत शिविरों या अन्य स्थानों पर रह रहे लोगों पर लागू होगा।
ऐसी खबरें सामने आई हैं कि देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपना कार्य स्थल छोड़ कर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल कर अपने पैृतक स्थानों पर लौट रहे हैं और रास्ते में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा के बाद सामान्य यातायात सेवाएं बंद हो जाने के कारण प्रवासी मजदूरों के पास पैदल चलकर घर पहुंचने का ही विकल्प बचा है।
गरीबों के लिए त्रासदी बना कोरोना वायरस
कोरोना वायरस से चलते हुए देशव्यापी लॉकडाउन का सबसे बुरा असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है। अपने गांव को छोड़कर दूसरे राज्यों में कमाने गए मजदूर अब दर-दर भटक रहे हैं। लॉकडाउन के चलते ना ही उनके पास खाने का पैसा बचा है और ना ही वो घर पहुंच पा रहे हैं।
विभिन्न राज्यों में काम कर रहे मजदूर काम-धंधा बंद होने जाने की वजह से वापस अपने घर लौटने के लिए मजबूर है। पिछले तीन दिनों से खबरें आ रही थी कि सड़कों पर मजदूर पैदल ही जा रहे हैं। अपने घर वापसी के लिए कई लोग हजारों किलोमीटर तक का सफर कर रहे हैं