महबूबा मुफ्ती ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा- भारत सरकार की औपनिवेशिक बसने वाली परियोजना शुरू की गई
By मनाली रस्तोगी | Published: October 12, 2022 05:51 PM2022-10-12T17:51:24+5:302022-10-12T17:52:38+5:30
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बीच धार्मिक और क्षेत्रीय विभाजन पैदा करने के भाजपा के प्रयासों को विफल किया जाना चाहिए क्योंकि चाहे वह कश्मीरी हो या डोगरा, हमारी पहचान और अधिकारों की रक्षा तभी संभव होगी जब हम सामूहिक लड़ाई लड़ेंगे।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा की कोशिशों को नाकाम करना होगा। महबूबा मुफ्ती की यह प्रतिक्रिया सरकार के उस फैसले के बाद आई है जहां जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। दरअसल, अब जम्मू में एक साल से ज्यादा समय से रह रहे लोगों का वोटर कार्ड बनेगा।
इसी मुद्दे पर ट्वीट करते हुए महबूबा मुफ्ती ने लिखा, "नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए ईसीआई के नए आदेश से यह स्पष्ट होता है कि जम्मू में भारत सरकार की औपनिवेशिक बसने वाली परियोजना शुरू की गई है। वे डोगरा संस्कृति, पहचान, रोजगार और व्यवसाय को पहला झटका देंगे। जम्मू-कश्मीर के बीच धार्मिक और क्षेत्रीय विभाजन पैदा करने के भाजपा के प्रयासों को विफल किया जाना चाहिए क्योंकि चाहे वह कश्मीरी हो या डोगरा, हमारी पहचान और अधिकारों की रक्षा तभी संभव होगी जब हम सामूहिक लड़ाई लड़ेंगे।"
BJPs attempts to create religious & regional divisions between Jammu & Kashmir must be thwarted because whether its a Kashmiri or a Dogra, safeguarding our identity & rights will be possible only if we put up a collective fight.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 12, 2022
बता दें कि मंगलवार को जम्मू के उपायुक्त ने सभी तहसीलदारों (राजस्व अधिकारियों) को एक वर्ष से अधिक समय तक जिले में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को निवास का प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत करने का आदेश भेजा। आदेश में कहा गया है कि यह सुनिश्चित करने के लिए निर्णय लिया गया था कि मतदाता सूची के चल रहे विशेष सारांश संशोधन में पंजीकरण के लिए कोई पात्र मतदाता न बचे।
आदेश के अनुसार, आधार कार्ड, पानी/बिजली/गैस कनेक्शन, बैंक पासबुक, पासपोर्ट, पंजीकृत भूमि विलेख आदि जैसे किसी भी दस्तावेज का उपयोग निवास के प्रमाण के रूप में किया जा सकता है। आदेश में कहा गया है कि विशेष सारांश संशोधन नए मतदाताओं के पंजीकरण, विलोपन, सुधार, उन मतदाताओं के स्थानांतरण के लिए है जो जम्मू और कश्मीर में अंतिम सारांश संशोधन के बाद से पलायन कर चुके हैं या मर गए हैं।