नई दिल्ली: साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष भाजपा के खिलाफ मजबूत गठबंधन तैयार करने की कोशिशों में जुटा है। भाजपा विरोधी पार्टियों को एक साथ लाने के लिए कई दलों की बैठक 23 जून को पटना में हुई थी। अब विपक्ष की अगली बैठक 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में होगी। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट करके ये जानकारी दी।
23 जून को पटना में हुई बैठक में 15 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया था। बैठक में नीतीश कुमार और लालू यादव के अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे, हेमंत सोरेन, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, फारुख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और उद्धव ठाकरे जैसे कई नेता शामिल हुए थे। अब अगली बैठक में एक बार फिर नरेंद्र मोदी को आने वाले लोकसभा चुनाव में घेरने की रणनीति पर चर्चा होगी।
पहले विपक्ष की दूसरी बैठक शिमला में होनी थी लेकिन हिमाचल प्रदेश में मौसम की खराब स्थिति और लगातार हो रही बारिश को देखते हुए इसे बेंगलुरु में रखने का फैसला किया गया।
23 जून को बैठक खत्म होने के बाद विपक्षी नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि हिंदुस्तान की नींव पर हमला हो रहा है इसलिए हमलोगों ने एक साथ आने का फैसला किया है। हालांकि अब भी ये तय नहीं है कि विपक्ष की तरफ से पीएम पद की चेहरा कौन होगा। राहुल गांधी के नाम पर सभी विपक्षी दल एक हों, ये अब तक संभव नहीं दिख रहा है।
हालांकि विपक्ष की कोशिशों को देखते हुए भाजपा ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। 20 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इससे पहले शरद पवार की एनसीपी बीजेपी के साथ आ सकती है। महाराष्ट्र में अजीत पवार के नेतृत्व में जो कुछ घटा है उसे देखते हुए ऐसी संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता। अटकलें ये भी हैं कि अकाली दल एक बार फिर से एनडीए का हिस्सा हो सकता है। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और अकाली दल की हरसिमरत कौर के मोदी कैबिनेट में शामिल होने की अटकलें भी हैं।