CBI ने सरकार को भेजा मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण का अनुरोध, लेकिन एंटीगुआ से नहीं है प्रत्यर्पण संधि!

By आदित्य द्विवेदी | Published: August 3, 2018 10:39 PM2018-08-03T22:39:31+5:302018-08-03T22:39:31+5:30

भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन है जिसमें भारत और एंटीगुआ दोनों देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। इसी आधार पर सरकार एंटीगुआ सरकार से मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण का अनुरोध कर सकती है।

MEA received extradition request from CBI for Mehul Choksi Antigua | CBI ने सरकार को भेजा मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण का अनुरोध, लेकिन एंटीगुआ से नहीं है प्रत्यर्पण संधि!

CBI ने सरकार को भेजा मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण का अनुरोध, लेकिन एंटीगुआ से नहीं है प्रत्यर्पण संधि!

नई दिल्ली, 3 अगस्तः केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एक अनुरोध सरकार के पास भेजा है ताकि सरकार इसे आगे एंटीगुआ को भेज सके। चोकसी ने पिछले वर्ष नवम्बर में एंटीगुआ की नागरिकता ली थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीबीआई ने चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए तीन आधार दिए हैं- पीएनबी के दो अरब डॉलर का कथित मास्टमाइंड, एंटीगुआ से भगोड़ों के आदान-प्रदान का सिद्धांत और दोहरी आपराधिकता। विदेश मंत्रालय सीबीआई के अनुरोध पर विचार कर रहा है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन है जिसमें भारत और एंटीगुआ दोनों देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। बता दें कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि नहीं है जिससे चोकसी को वापस लाने में मुश्किल हो सकती है। सीबीआई ने यह कदम उन मीडिया रिपोर्टों के मद्देनजर उठाया है जिनमें दावा किया गया है कि भारतीय एजेंसियों ने एंटीगुआ को बताया था कि मेहुल चोकसी के खिलाफ कोई मामला नहीं है। नवम्बर 2017 में चोकसी को एंटीगुआ की नागरिकता मिली थी।


विदेश मंत्रालय ने को देनी पड़ी सफाई

मेहुल चोकसी के फरार होने में मदद के आरोप में मोदी सरकार घिर रही है। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मामले में सफाई पेश की। उन्होंने कहा कि मेहुल चोकसी को मुंबई पासपोर्ट ऑफिस से पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) जारी किया गया था। प्रवक्ता ने कहा, 'इस मुद्दे पर आज कुछ मीडिया रिपोर्ट्स आ रही हैं। मेहुल चोकसी को पीसीसी मुंबई पॉसपोर्ट ऑफिस से मिला था। जिसका इस्तेमाल उन्होंने एंटीगुआ की नागरिकता हासिल करने में किया।' प्रवक्ता ने कहा कि पॉसपोर्ट ऑफिस पीसीसी तभी जारी करता है जब सिस्टम में पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट हो। 16 मार्च, 2017 को सिस्टम में मेहुल चोकसी के खिलाफ कुछ गड़बड़ नहीं मिला था।

क्या है पूरा मामला

एंटीगुआ के अखबार डेली ऑब्जर्वर ने ‘सिटीजनशिप बाइ इन्वेस्टमेंट यूनिट ऑफ एंटीगुआ एंड बारबूडा’ के एक बयान के हवाले से कल दावा किया था कि चोकसी की पृष्ठभूमि की जांच किये जाने के दौरान भारतीय एजेंसियों ने कोई भी ‘‘अपमानजनक सूचना’’ साझा नहीं की थी। अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मई 2017 में एंटीगुआ में नागरिकता के लिए चोकसी के आवेदन के साथ स्थानीय पुलिस से मंजूरी भी दी गई थी।

डेली ऑब्जर्वर ने अपनी एक पूर्व की एक रिपोर्ट में कहा था कि विस्तृत ‘‘पृष्ठभूमि जांच’’ के बाद नवम्बर 2017 में चोकसी को नागरिकता दी गई थी। एंटीगुआ का पासपोर्ट हासिल करने के बाद चोकसी इस वर्ष चार जनवरी को भारत से भाग गया था और उसने 15 जनवरी, 2018 को एंटीगुआ में शरण ली थी। कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर चोकसी के फरार होने में मदद का आरोप लगाया है।

PTI-Bhasha Inputs

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Web Title: MEA received extradition request from CBI for Mehul Choksi Antigua

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