भारत के राष्ट्रपति के पास केवल संसद बुलाने की शक्ति, पीएम द्वारा भवन का उद्घाट संविधान के खिलाफः एमडीएमके

By अनिल शर्मा | Published: May 25, 2023 09:59 AM2023-05-25T09:59:57+5:302023-05-25T10:02:09+5:30

 मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कझगम ने कहा कि विपक्षी दल उद्घाटन समारोह का बहिष्कार कर रहे हैं और दूसरा कारण यह भी है कि नई संसद के उद्घाटन के लिए सत्तारूढ़ भाजपा सरकार द्वारा चुनी गई तारीख वीडी सावरकर की जयंती है।

MDMK said Only President has power to convene Parliament inauguration new building by PM is against constitution | भारत के राष्ट्रपति के पास केवल संसद बुलाने की शक्ति, पीएम द्वारा भवन का उद्घाट संविधान के खिलाफः एमडीएमके

भारत के राष्ट्रपति के पास केवल संसद बुलाने की शक्ति, पीएम द्वारा भवन का उद्घाट संविधान के खिलाफः एमडीएमके

Highlightsएमडीएमके ने कहा कि संसद को बुलाने की शक्ति केवल राष्ट्रपति के पास होती है।एमडीएमके नेता एम बोमीनाथन ने भी नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा कराए जाने की मांग की। संसद का अर्थ है भारत के राष्ट्रपति और लोकसभा तथा राज्यसभाः एमडीएमके

मदुरैः नए संसद भवन का पीएम मोदी द्वारा उद्घाट का विपक्ष द्वारा विरोध करने के बीच मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कझगम (एमडीएमके) ने कहा कि संसद को बुलाने की शक्ति केवल राष्ट्रपति के पास होती है, ऐसे में पीएम मोदी द्वारा नए भवन का उद्घाटन संविधान के खिलाफ है।

गौरतलब है कि विपक्ष के 19 दलों ने संसद के नये भवन के उद्घाटन समारोह का सामूहिक रूप से बहिष्कार करने का बुधवार को ऐलान किया और आरोप लगाया कि केंद्र की मौजूदा सरकार के तहत संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है तथा समारोह से राष्ट्रपति को दूर रखने का ‘अशोभनीय कृत्य’ ‘‘सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान’’ और लोकतंत्र पर सीधा हमला है।

 मदुरै में एमडीएमके नेता एम बोमीनाथन ने भी नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा कराए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पूरी तरह से संविधान की भावना के खिलाफ नए संसद भवन का उद्घाटन करने जा रही है। संसद का अर्थ है भारत के राष्ट्रपति और लोकसभा तथा राज्यसभा। 

बोमीनाथन ने आगे कहा कि भारत के राष्ट्रपति के पास केवल संसद बुलाने की शक्ति होती है....अब भाजपा सरकार पीएम द्वारा भवन का उद्घाटन करने जा रही है, यह पूरी तरह से संविधान के खिलाफ है और यह भारत के राष्ट्रपति का अपमान भी है। उन्होंने कहा इसलिए विपक्षी दल उद्घाटन समारोह का बहिष्कार कर रहे हैं और दूसरा कारण यह भी है कि नई संसद के उद्घाटन के लिए सत्तारूढ़ भाजपा सरकार द्वारा चुनी गई तारीख वीडी सावरकर की जयंती है।

वहीं दूसरी तरफ, सरकार ने विपक्ष के इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियों को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार (28 मई) को संसद के नये भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। उधर, राजग ने विपक्षी दलों द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की निंदा की है।

राजग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘हम, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के दल, नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के 19 राजनीतिक दलों के अवमाननाकारी निर्णय की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं।’

Web Title: MDMK said Only President has power to convene Parliament inauguration new building by PM is against constitution

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