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महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का पटना में निधन, आइंस्टीन के सिद्धांत को दी थी 'चुनौती'

By अभिषेक पाण्डेय | Updated: November 14, 2019 11:01 IST

Vashishtha Narayan Singh: महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का गुरुवार को पटना स्थित मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल में निधन हो गया

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ठळक मुद्देमहान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का पटना में निधनवशिष्ठ नारायण पिछले 40 सालों से मानसिक बीमारी से जूझ रहे थे

भारत के महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का गुरुवार को पटना में निधन हो गया, वह 77 वर्ष के थे। वशिष्ठ काफी दिनों से बीमार चल रहे थे और गुरुवार सुबह उनकी तबीयत खराब होने के बाद उन्हें पटना के मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल (PMCH) ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

 

देश के महान गणितज्ञ में शामिल थे वशिष्ठ नारायण सिंह

2 अप्रैल 1942 को बिहार के भोजपुर जिले के बसंतपुर गांव में जन्मे वशिष्ठ को भारत के महान गणितज्ञ में से एक माना जाता है। फिल्म निर्देशक प्रकाश झा ने उनके ऊपर बायोपिक बनाने का भी ऐलान किया था।

कइयों का दावा है कि उन्होंने महान वैज्ञानिक आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती दी थी और नासा में काम किया था। 

वशिष्ठ बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे और उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नेतरहाट रेसिडेंशियल स्कूल और कॉलेज की शिक्षा पटना साइंस कॉलेज से ग्रहण की थी। उन्होंने 1969 में यूनवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से Reproducing Kernels and Operators with a Cyclic Vector पर पीएडी की थी।

1974 में वह भारत लौटे और आईआईटी कानपुर में नौकरी करने लगे, लेकिन जल्द ही वह मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से जुड़ गए। इसके बाद उन्होंने कोलकाता स्थित भारतीय सांख्यिकी संस्थान में भी कार्य किया। मानसिक बीमारी के कारण 1976 में उनका तलाक हो गया था।

वशिष्ठ नारायण सिंह पिछले कई दशकों से  मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया से पीड़ित थे। सिजोफ्रेनिया एक लाइलाज मानसिक विकार है जिसमें रोगी बेमेल विचारों के साथ वास्तविकता का स्पर्श खो देता है।

उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ने पर उन्हें कुछ समय तक रांची के कांके स्थित मेंटल असाइलम में भी भर्ती कराया गया था, जहां से उन्हें 1985 में छुट्टी मिल गई थी। लेकिन अपने जीवन के अंतिम वर्ष उन्होंने पटना स्थित एक अपार्टमेंट में गुमनामी में गुजारे। जीवन के अंतिम दिनों में कॉपी, किताबें और पेंसिल ही उनकी सबसे बड़ी दोस्त रहीं।

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