2016 में हुए नाभा जेल ब्रेक मामले के मुख्य साजिशकर्ता और वांछित गैंगस्टर रमनजीत सिंह रोमी को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा। मंगलवार को हांग कांग की अदालत ने इसकी मंजूरी दे दी। इसे पंजाब पुलिस की बड़ी सफलता माना जा रहा है। रोमी पर पंजाब में 2016-17 के दौरान कई हत्याओं में शामिल होने का भी आरोप है।
हांग कांग में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार को ईस्टर्न कोर्ट ने भारत सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक इस मामले को लगातार फॉलो करने वाले एआईजी गुरमीत सिंह चौहान ने कोर्ट के आदेश की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि आधिकारिक पुष्टि होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जमानत पर भागा
पंजाब पुलिस ने रमनजीत सिंह रोमी को जून 2016 में कई फर्जी क्रेडिट कार्ड और हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसे पंजाब की नाभा जेल में रखा गया। जेल में ही उसकी दोस्ती कुछ अपराधियों और आतंकवादियों से हो गई। अगस्त 2016 में उसे जमानत मिल गई। सरकार ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था लेकिन वो चकमा देकर हांग कांग भाग गया।
नाभा जेल ब्रेक की साजिश
रमनजीत सिंह रोमी ने हांग कांग से ही नाभा जेल ब्रेक की साजिश रची। 27 नवंबर 2016 को 16 लोगों ने जेल पर हमला कर दिया। इसमें हरजिंदर सिंह, नीटा देओल, गुरप्रीत सेखों, अमन धोतियां फरार हो गए। इसके अलावा दो आतंकवादी मिंटू और कश्मीर सिंह गलवड्डी भी भागने में सफल रहे।
रोमी को 2018 में हांगकांग में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद भारत ने प्रत्यर्पण की कोशिशें शुरू कर दी। पंजाब पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों की टीम हांग कांग गई और गैंगस्टर रोमी के खिलाफ के मजबूत केस बनाया गया। भारत और हांग कांग के बीच प्रत्यर्पण संधि है। कोर्ट ने रोमी को भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है।