बांग्लादेश के राष्ट्रपति की बग्घी खींचने का काम करेंगे मारवाड़ी घोड़े, पहली बार भारत से किया गया निर्यात

By भाषा | Updated: November 13, 2022 11:01 IST2022-11-13T10:58:05+5:302022-11-13T11:01:13+5:30

रेगिस्तान से घोड़े की देशी नस्ल मारवाड़ी घोड़ों को पहली बार निर्यात किया गया है। बांग्लादेश में इनका इस्तेमाल वहां के राष्ट्रपति की बग्घी खींचने के लिए किया जाएगा। इस घोड़े की मांग कई अन्य देशों से भी आई है।

Marwari horses will work to pull coach of President of Bangladesh, exported for the first time from India | बांग्लादेश के राष्ट्रपति की बग्घी खींचने का काम करेंगे मारवाड़ी घोड़े, पहली बार भारत से किया गया निर्यात

बांग्लादेश के राष्ट्रपति की बग्घी खींचने का काम करेंगे मारवाड़ी घोड़े (फोटो- सोशल मीडिया)

जोधपुर: जोधपुर से छह मारवाड़ी घोड़ों को बांग्लादेश में निर्यात किया गया है, जहां उनका इस्तेमाल बांग्लादेश के राष्ट्रपति की बग्घी खींचने के लिए किया जाएगा। यह जानकारी ‘ऑल इंडिया मारवाड़ी हॉर्स सोसाइटी’ के एक अधिकारी ने दी। यह पहली बार है कि रेगिस्तान से घोड़े की इस देशी नस्ल का निर्यात किया गया है।

ऑल इंडिया मारवाड़ी हॉर्स सोसाइटी और ‘मारवाड़ी हॉर्स स्टड बुक रजिस्ट्रेशन सोसाइटी आफ इंडिया’ (एमएचएसआरएस) के सचिव जंगजीत सिंह नथावत ने बताया कि ये सभी छह घोड़े 29 सितंबर को बांग्लादेश पहुंचे।

नथावत ने कहा, ‘‘इन घोड़ों को बांग्लादेश पुलिस ने बांग्लादेश के राष्ट्रपति की घोड़ा गाड़ी के लिए मंगाया है।’’ ये सभी घोड़े जोधपुर के उम्मेद भवन पैलेस द्वारा शासित बाल समंद लेक पैलेस के ‘मारवाड़ स्टड’ (अस्तबल) के हैं और एमएचएसआरएस के साथ 'मारवाड़ी घोड़े' के रूप में पंजीकृत हैं।

नथावत ने कहा, ‘‘हम मारवाड़ी घोड़ों को निर्यात करने का प्रयास करते रहे और अनुमति प्राप्त करने में सफल रहे। निर्यात मामला-दर-मामला आधार पर होगा।’’ नाथावत ने इस घटनाक्रम को जोधपुर के तत्कालीन शासक एवं समाज के संरक्षक गज सिंह के निरंतर प्रयासों का परिणाम बताया। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, केंद्र सरकार के पशुपालन विभाग ने इन घोड़ों के निर्यात के लिए विदेश व्यापार महानिदेशक द्वारा प्रदान किए गए निर्यात लाइसेंस के साथ एक अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया।

अमेरिका, यूरोपीय और अरब देशों से भी आ रही है मांग

नथावत ने कहा, "यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि बांग्लादेश सरकार ने राष्ट्रपति की राजकीय गाड़ी के लिए हमारे घोड़े का आयात किया है।’’ उन्होंने कहा कि मारवाड़ी घोड़ों की इसी तरह की मांग अमेरिका, यूरोपीय और अरब देशों से आ रही है। जोधपुर स्थित यह सोसाइटी पिछले एक दशक से न केवल इस नस्ल के घोड़े के संवर्धन और संरक्षण के लिए प्रयास कर रही है, बल्कि विदेशी घोड़ा प्रेमियों और घुड़सवारों के बीच उनकी मांग को देखते हुए उनके निर्यात के लिए भी प्रयास कर रही है।

सोसाइटी के संयुक्त सचिव गजेंद्र पाल सिंह पोसाना ने कहा कि इस नस्ल के निर्यात की अनुमति देने के लिए मंत्रालय को समझाने के लिए पिछले 12-13 वर्षों में पांच बैठकें हो चुकी हैं। पोसाना ने कहा, "बांग्लादेश से ऐसे 40-50 घोड़ों की मांग की गई थी, लेकिन हम मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला के साथ अंतिम बैठक के बाद मंजूरी में देरी के कारण केवल छह घोड़े ही भेज सके।’’

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की सेना भी 20 मारवाड़ी घोड़ों की खरीद के लिए सोसाइटी के साथ चर्चा कर रही थी, लेकिन अनुमति में देरी के कारण उसने कतर सरकार से 17 अरबी घोड़े प्राप्त कर लिए। मारवाड़ी घोड़ों को उनकी सुंदरता, सुडौलपन, चाल और अन्य विशेषताओं के लिए जाना जाता है।

Web Title: Marwari horses will work to pull coach of President of Bangladesh, exported for the first time from India

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