बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पीएम मोदी नरेंद्र मोदी के गुरुवार को होने वाले शपथग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लेने के फैसले पर तंज कसा है। मनोज तिवारी ने कहा कि ममता बनर्जी को हिस्सा लेना भी नहीं चाहिए क्योंकि उनके पास नजर कहां कि ऐसी सभा में बैठकर लोगों से नजर मिलाएं। पीएम मोदी गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में 6000 से ज्यादा मेहमानों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
मनोज तिवारी ने कहा, 'उनको आना भी नहीं चाहिए। जैसे उन्होंने लोकतंत्र में हिंसा करके खून-खराबा किया...उनके पास नजर कहां है कि ऐसी सभा में बैठ कर लोगों से नजर मिलाएं।'
मनोज तिवारी दूसरी बार संसद पहुंचे हैं। इस बार उन्होंने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ा था और तीन लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल कर लोकसभा पहुंचे हैं।
बता दें कि ममता बनर्जी ने बुधवार को ट्वीट कर पीएम मोदी के शपथग्रहण समारोह में नहीं जाने का ऐलान किया। ममता ने ट्वीट किया कि वह पहले पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में जानी चाहती थी लेकिन राजनीतिक हिंसा की बात कर बीजेपी ने उन्हें एक तरह से नहीं आने के लिए मजबूर किया। ममता ने ट्वीट किया, 'शपथ ग्रहण समारोह लोकतंत्र का पर्व मनाने का एक मौका होता है न कि किसी राजनीति पार्टी को छोटा कर या उसे कमतर आंकने का।'
ममता ने लिखा, 'नये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को बधाई। यह मेरी योजना थी कि मैं शपथग्रहण समारोह में जाऊंगी। हालांकि, पिछले एक घंटे में मैं जो मीडिया रिपोर्ट्स देख रही हूं, उसमें बीजेपी दावा कर रही है कि बंगाल की राजनीतिक हिंसा में 54 लोगों का मर्डर किया गया। यह पूरी तरह से गलत है।'
ममता ने आगे लिखा, 'बंगाल में कोई राजनीतिक मर्डर नहीं हुआ। यह मौत व्यक्तिगत दुश्मनी, परिवारों के झगड़े और दूसरे विवादों के कारण हुए होंगे। इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है। हमारे पासे ऐसे कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसलिए मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि नरेंद्र मोदी जी ने मुझे ये कदम उठाने के लिए मजबूर किया है। इसलिए मुझे माफ कीजिए।'
इससे पहले मंगलवार को ममता बनर्जी ने कहा था कि वह 30 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगी। बता दें कि बीजेपी ने उन कार्यकर्ताओं के परिवारजनों को भी पीएम मोदी के शपथग्रहण समारोह में दिल्ली आमंत्रित किया है, जिन्हें पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी थी।