बीते दिनों जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों ने हिजबुल के दो आतंकियों को मार गिराया। हमले में मरा एक आतंकी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का छात्र रह चुका है। अब इस ममाले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और क्रिकेटर गौतम गंभीर के बीच में 'टि्वटर-वॉर' शुरू हो गया है।
गौतम गंभीर ने ट्वीट करके मन्नान वानी के आतंकवाद की राह चुनने के लिए नेताओं और राजनीतिक दलों को जिम्मेदार ठहराया, जिनमें अब्दुल्ला भी शामिल हैं।
उन्होंने ट्वीट किया 'मन्नान वानी की मौत: हमने एक आतंकवादी को मारकर एक कट्टरपंथी प्रतिभा को खो दिया।' इस ट्वीट के साथ गौतम गंभीर ने पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस और बीजेपी को टैग किया है और लिखा 'सभी को इस बात का पछतावा होना चाहिए कि आखिर क्यों कोई युवा अपनी किताबें छोड़ सीने पर गोलियां खा रहा है। गौरतलब है कि मन्नान वानी अलीगढ़ यूनिवर्सिटी का स्कॉलर था।
इस पर अपनी प्रक्रिया देते हुए अब्दुल्ला ने लिखा 'इन्हें शायद मन्नान के घर और जिला नहीं पता होगा, लेकिन फिर भी ये बात कर रहे हैं कि कैसे कोई युवा कश्मीर में बंदूक उठा लेता है। तो शायद गंभीर को कश्मीर के बारे में उतना ही पता है, जितना की मुझे क्रिकेट के बारे में। और मुझे क्रिकेट के बारे में कुछ भी नहीं पता'।
इसके बाद ट्वीटर पर दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। गंभीर ने अपने अगले ट्वीट में लिखा 'आप नक्शे की बात ना ही करें। आपने कश्मीर को पाकिस्तान के नक्शे में मिलाने में काफी मेहनत की है। आप अब ये बताओ कि आपने और आपके साथी नेताओं ने कश्मीरी युवाओं के लिए किया ही क्या है?'
इसके जवाब में फिर उमर ने लिखा 'अभी हाल ही में हमारी पार्टी के दो साथियों कि आतंकियों ने हत्या कर दी। साल 1988 से लेकर अब तक पार्टी के हजार से ज्यादा कार्यकर्ता आतंकियों द्वारा मारे जा चुके हैं। मैं राष्ट्रवाद और बलिदान पर आपसे बहस नहीं करना चाहता'।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया। इसमें आतंकी मन्नान बशीर वानी भी शामिल था। मन्नान अलीगढ़ ने इसी साल जनवरी में आतंक का रास्ता अपनाया था। उससे पहले वो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पीएचडी की पढ़ाई कर रहा था।