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मणिपुर हिंसा: सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "मुर्दाघर में ज्यादातर लाशें घुसपैठियों की हैं"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 2, 2023 09:54 IST

सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर हिंसा पर सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के बेंच के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बीते मंगलवार को बताया कि मणिपुर के मुर्दाघरों में लावारिस पड़े ज्यादातर शव हिंसा करने वाले घुसपैठियों की है।

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ठळक मुद्देसुप्रीम कोर्ट में मणिपुर हिंसा पर सुनवाई में जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ज्यादातर लावारिस लाशें घुसपैठियों की हैअधिकांश लावारिस लाशें घुसपैठियों की हैं, जो खतरनाक इरादे से आए थे और हिंसा में मारे गएसीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि अगली सुनवाई पर सरकार बताए कि कितने शवों की पहचान की गई है

नयी दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर हिंसा पर सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के बेंच के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बीते मंगलवार को बताया कि मणिपुर के मुर्दाघरों में लावारिस पड़े ज्यादातर शव हिंसा करने वाले घुसपैठियों की है। सॉलिसिटर जनरल मेहता ने चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ समेत तीन जजों की बेंच ने कहा, "अधिकांश लावारिस लाशें उन घुसपैठियों की हैं, जो किसी खतरनाक इरादे से आए थे और हिंसा में मारे गए।"

समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार जब चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार की दलीलों पर कहा कि म्यांमार से आने वाले अवैध आप्रवासियों का आगमन मणिपुर अशांति में भारी योगदान देने में क्या सच्चाई है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा, "मैं किसी भी बात का उल्लेख नहीं करना चाहता और न ही किसी विशेष चीजों पर गौर करना चाहता हूं लेकिन अधिकांश लावारिस लाशें उन घुसपैठियों की हैं, जो किसी खतरनाक इरादे से आए थे और हिंसा में मारे गए।"

उन्होंने कहा, "लेकिन आखिरकार यह बात पूरी तरह से सही है कि जिन लोगों के साथ बलात्कार और हत्या हुई, वे हमारे लोग हैं। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि न्याय हो।"

अदालत ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि मुर्दाघरों में पड़े शवों की पहचान के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं। क्या कोई नोडल अधिकारी है जो मुर्दाघरों में पड़े हुए शवों की पहचान सुनिश्चित की जाए? क्या उनके शव उनके रिश्तेदारों को सौंप दिये गये हैं? क्या उनकी पहचान हो गई है? उनकी पहचान स्थापित करने के लिए क्या किया जा रही है?”

इस सवाल पर सॉलिसिटर जनरल की बजाय वरिष्ठ वकील कॉलिन गोस्नाल्विस ने कहा कि इंफाल के मुर्दाघर में 118 शव पड़े है। इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, "आप 118 शवों को अनिश्चित काल तक मुर्दाघर में नहीं रख सकते है।"

इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि जब 7 अगस्त को अदालत की अगली सुनवाई पर सरकार बताए कि कितने शवों की पहचान की गई है और कितने की पहचान बाकि है। इसके साथ ही अदालत ने सरकार से यह भी कहा कि 7 अगस्त को पीड़ितों के लिए मुआवजे के पहलू पर भी विचार करके पेश हों।

टॅग्स :मणिपुरसुप्रीम कोर्टDY ChandrachudTushar Mehta
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