नई दिल्ली: संसद के लोकसभा में विपक्ष द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ पेश किये गये अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को सरकार का बचाव करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के हिंसक हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संवेदना और चिंता को सदन से अवगत कराया गया।
विपक्षी नेता राहुल गांधी के अविश्वास प्रस्ताव पर दिये भाषण के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार बेहद गंभीरता के साथ मणिपुर में स्थिति को सामान्य बनाने की दिशा में प्रयासरत है। वहीं शाह से पूर्व बोलत हुए राहुल गांधी ने कहा, ''भाजपा ने मणिपुर में हिंदुस्तान को नुकसान पहुंचाया है। उनकी राजनीति ने मणिपुर में हिंदुस्तान को नुकसान पहुंचाया है।''
अमित शाह ने राहुल गांधी के आरोपों पर हमला किया और साथ में प्रधानमंत्री मोदी की मणिपुर के प्रति गहरी सोच को सदन के पटल पर रखते हुए कहा, “मैं इस सदन के माध्यम से पूरे देश को बताना चाहता हूं कि मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री ने मुझे सुबह 4.30 बजे फोन किया और फिर अगले दिन सुबह 6 बजे मुझे फिर से फोन करके जगाया। लगातार तीन दिनों तक हमने शांति सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली से कई काम किये।”
अमित शाह ने आगे कहा, "तीन दिनों तक लगातार हमने चौबीसों घंटे काम किया। हमने 16 वीडियो कॉन्फ्रेंस कीं। इसके साथ ही हमने फौरन 36,000 केंद्रीय पुलिस के जवानों को हालात नियंत्रण करने के लिए भेजा। केंद्रीय जवानों को वायुसेना के विमानों के जरिये मणिपुर में पहुंचाया गया। 4 मई को मुख्य सचिव और डीजीपी को बदला और सूरत से एक सलाहकार मणिपुर भेजा।"
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ लगभग दो घंटे दिये अपने भाषण में शाह ने कहा, "मैं विपक्ष से सहमत हूं कि मणिपुर में हिंसा का चक्र चल रहा है और कोई भी ऐसी घटनाओं का समर्थन नहीं कर सकता है। वहां जो कुछ भी हुआ, वह शर्मनाक है। लेकिन विपक्ष द्वारा उन घटनाओं का राजनीतिकरण करना और भी शर्मनाक है।"