Manipur Violence: मणिपुर की अखंडता को लेकर प्रदर्शन, 100 से अधिक लोगों की जान गई, शांति बहाली की मांग

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 23, 2023 05:17 PM2023-06-23T17:17:16+5:302023-06-23T17:17:56+5:30

Manipur Violence: 100 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 60,000 लोग विस्थापित हो चुके हैं। पुनर्वास केंद्रों में लोग शरण लिए हैं।

Manipur Violence Demonstration over integrity of Manipur more than 100 people lost their lives demand for restoration of peace | Manipur Violence: मणिपुर की अखंडता को लेकर प्रदर्शन, 100 से अधिक लोगों की जान गई, शांति बहाली की मांग

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Highlightsलोग सेना की सुरक्षा के साथ रह रहे हैं।मणिपुर के कई इलाकों में सेना प्लैग मार्च कर रही हैं। 

Manipur Violence: मणिपुर की अखंडता को बचाने के लिए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था। मुंबई के आजाद मैदान पर संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया।

विश्व मीटई परिषद (डब्ल्यूएमसी), महाराष्ट्र इकाई, मणिपुरी (मीतेई) एसोसिएशन (एमएमए), नवी मुंबई, मुंबई मणिपुरी सॉलिडेरिटी ग्रुप, एसोसिएशन ऑफ मणिपुरी डायस्पोरा (एएमएएनडी), पुणे और द मुंबई पीसफुल विरोध समूह ने सम्मान और प्रार्थना करने के लिए एक मिनट का मौन रखा।

जिसने हिंसा में जान गंवाई हैं, उसके लिए प्रर्थना किया गया। हिंसा के पैंतालीस दिनों के बाद भी प्रधानमंत्री चुप हैं। समझौते या सुलह के लिए कोई अपील नहीं की। 100 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 60,000 लोग विस्थापित हो चुके हैं। पुनर्वास केंद्रों में लोग शरण लिए हैं।

भारी गोलीबारी की खबरें अभी भी आ रही हैं। सुरक्षा के साथ रह रहे हैं। मणिपुर के कई इलाकों में सेना प्लैग मार्च कर रही हैं। विभिन्न समुदायों और धर्मों के लगभग 500 लोग विरोध करने पहुंचे और मणिपुर में शांति बहाली की मांग की। समूहों ने तत्काल कार्रवाई की मांग की।

हम शांति चाहते हैं। मोदीजी हमारी मदद करें। मेइतेई को भी संस्थागत संरक्षण की जरूरत है। वनों की कटाई रोकें-मणिपुर को बचाएं। मणिपुर एक है और रहेगा। यह विरोध शांति और एकता का आह्वान था।ऐसी कई ताकत जो इस भव्य की सांस्कृतिक विरासत और पहचान को खतरे में डालती है।

विरोध प्रदर्शन के सभी सात वक्ताओं ने शांति और कार्रवाई की मांग की। नबकिशोर सिंघा युमनाम, डब्ल्यूएमसी के प्रवक्ता, लिन लैशराम एक मनोरंजन कलाकार और रॉबर्ट नाओरेम, प्रसिद्ध हथकरघा उद्यमी ने हिंसा रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की अपील की।

नरेशचंद्र लैशराम, मेलोडी क्षेत्रीमयूम, रोहन फिलम और खीरसाना युमलेम ने हिंसा और लोगों को गुमराह करने का विरोध किया। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि हिंसा न तो हिंदू-ईसाई और न ही आदिवासी-गैर आदिवासी की लड़ाई है। “सरकार चुप क्यों है? लोग एक दूसरे को मार रहे हैं।

घर जला दिए गए। यह हृदय विदारक है कि सरकार 45 दिनों से चुप है। लिन लैशराम ने बताया कि मणिपुरवासी भारत के नागरिक हैं, हमें उपेक्षित नहीं किया जाना चाहिए। हम सब के पास है उतना ही अधिकार जितना भारत में हर किसी को है। सरकार को शांति बहाल करनी चाहिए।

Web Title: Manipur Violence Demonstration over integrity of Manipur more than 100 people lost their lives demand for restoration of peace

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