मणिपुर हिंसा: बीरेन सिंह सरकार म्यांमार के 700 अवैध अप्रवासियों की घुसपैठ से चिंता में, असम रायफल्स से किया जबाव-तलब, दिये कार्रवाई के आदेश
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 25, 2023 09:20 AM2023-07-25T09:20:10+5:302023-07-25T09:23:45+5:30
मणिपुर की बीरेन सिंह सरकार ने असम राइफल्स की उस रिपोर्ट को बेहद गंभीरता से लिया है, जिसमें बताया गया है कि चंदेल जिले में करीब 700 से अधिक अप्रवासी म्यांमार के बाशिंदों ने अवैध घुसपैठ के जरिये प्रवेश किया है।
इंफाल: हिंसाग्रस्त मणिपुर में बीते मई महीने से चल रही अस्थिरता के पीछे अवैध अप्रवासियों की भूमिका को लेकर सवाल उठने लगे हैं। जानकारी के अनुसार मणिपुर की बीरेन सिंह सरकार ने असम राइफल्स की उस रिपोर्ट को बेहद गंभीरता से लिया है, जिसमें बताया गया है कि चंदेल जिले में करीब 700 से अधिक अप्रवासी म्यांमार के बाशिंदों ने अवैध घुसपैठ के जरिये प्रवेश किया है।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे में प्रकाशित खबर के अनुसार मणिपुर सरकार ने बीते सोमवार को विषय की संवेदनशीलता और राज्य के खराब हालात के मद्देनजर कहा है कि अप्रवासियों की इस अवैध घुसपैठ से न केवल राज्य के अंधरूनी हालात पर असर पड़ रहे हैं बल्कि भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी प्रतिकूल असर पड़ने के आसार हैं। इसलिए इस मुद्दे को अत्यधिक गंभीरता से हल किये जाने की आवश्यकता है।
खबरों के मुताबिक बीरेन सिंह सरकार ने इस संबंध में असम राइफल्स से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सरकार जानना चाहती है कि आखिर कैसे 718 म्यांमार नागरिकों ने अवैध तरीके से चंदेल जिले में प्रवेश किया और असम रायफल्स के रहते हुए कैसे इतने बड़े पैमाने पर अवैध अप्रवासन संभव हो सका।
इसके साथ ही मणिपुर सरकार चाहती है कि म्यांमार से आये 718 अवैध अप्रवासियों को तुरंत उनके देश वापस भेजा जाए। सरकार ने इस संबंध में चंदेल जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया है कि वो ऐसे सभी संदिग्ध व्यक्तियों के बायोमेट्रिक्स और तस्वीरें को अपने रिकॉर्ड में रखें।
मालूम हो कि मणिपुर में बीते 3 मई से हिंसा भड़की हुई है। सूबे के मैतेई और कूकी समुदाय के बीच चल रहे लोमहर्षक संघर्ष में अब तक 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 फीसदी है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी के आसपास में रहते हैं, जबकि नागा और कुकी समुदाय की 40 फीसदी जनसंख्या का निवास पहाड़ी जिलों में है।