मणिपुर वीडियो : करगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके हैं एक पीड़ित महिला के पति, कहा- 'निराश हूं कि पत्नी की सुरक्षा नहीं कर सका'
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 21, 2023 16:24 IST2023-07-21T16:22:47+5:302023-07-21T16:24:37+5:30
सामने आया है कि पीड़ित महिलाओं में से एक के पति भारतीय सेना में रह चुके हैं। पीड़िता के पति ने कहा है कि उन्होंने देश की रक्षा की, लेकिन वह अपनी पत्नी को अपमानित होने से नहीं बचा सके।

मणिपुर में हिंसा रोकने की अपील लगातार हो रही है
नई दिल्ली: जातीय हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में दो महिलाओं के साथ की गई दरिंदगी का वीडियो 19 जुलाई को वायरल हुआ था। वीडियो में भीड़ दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराती हुई नजर आई थी। अब सामने आया है कि पीड़ित महिलाओं में से एक के पति भारतीय सेना में रह चुके हैं। पीड़िता के पति ने कहा है कि उन्होंने देश की रक्षा की, लेकिन वह अपनी पत्नी को अपमानित होने से नहीं बचा सके।
पीड़िता के पति करगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके हैं। वह भारतीय सेना की असम रेजिमेंट में सूबेदार के तौर पर सेवा प्रदान कर चुके हैं। उन्होंने एक स्थानीय समाचार चैनल से कहा, ‘मैं करगिल युद्ध में देश के लिए लड़ा और भारतीय शांति रक्षक बल के रूप में श्रीलंका में भी रहा। मैंने देश की रक्षा की लेकिन मैं निराश हूं कि मैं अपनी पत्नी तथा बाकी ग्रामीणों की रक्षा नहीं कर सका।’ उन्होंने बताया कि चार मई की सुबह भीड़ ने इलाके में कई मकानों को फूंक दिया, दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र किया तथा उन्हें लोगों के सामने गांव की सड़कों पर घुमाया। उन्होंने कहा, ‘पुलिस मौजूद थी लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की। मैं चाहता हूं कि जिन लोगों ने मकानों को जलाया और महिलाओं का अपमान किया, उन्हें कठोर सजा मिले।’
बता दें कि इस घटना की एफआईआर में कुछ चौंकाने वाली बातें भी पता चली हैं। इस घटना के संबंध में एक महीने पहले 21 जून को सैकुल थाने में शिकायत दर्ज की गयी थी। इसमें कहा गया है कि महिलाओं का अपहरण करने से पहले हथियारबंद पुरुषों का एक समूह कांगपोकपी जिले के गांव में घुसा और उसने घरों को लूटा तथा आगजनी की, लोगों की हत्या की तथा महिलाओं का यौन शोषण किया। भीड़ ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी जिसने चार मई को कुछ लोगों को अपनी बहन से दुष्कर्म करने से रोकने की कोशिश की थी।
फिलहाल इस पूरे मामले पर राजनीतिक पारा भी गरम हो गया है। संसद को दोनों सदनों में इस मामले को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। विपक्ष पीएम मोदी से इस घटना और मणिपुर के हालात पर संसद में बयान चाहता है।