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Manipur: 8 मार्च से मणिपुर के सभी सड़कों पर लोगों की निर्बाध आवाजाही करने के निर्देश, अमित शाह बोले-अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो

By सतीश कुमार सिंह | Updated: March 1, 2025 14:58 IST

Manipur: अशांत राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने तथा विभिन्न समूहों के पास मौजूद अवैध एवं लूटे गए हथियारों को पुलिस को सौंपे जाने की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया।

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ठळक मुद्देपूर्वोत्तर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद यह इस प्रकार की पहली बैठक है।अमित शाह ने शनिवार को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।गृह मंत्री ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया।

नई दिल्लीः गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की सुरक्षा समीक्षा संबंधी बैठक में कहा कि मणिपुर में सड़कों पर अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। आठ मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर लोगों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। शाह ने शनिवार को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और अशांत राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने तथा विभिन्न समूहों के पास मौजूद अवैध एवं लूटे गए हथियारों को पुलिस को सौंपे जाने की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। पूर्वोत्तर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद यह इस प्रकार की पहली बैठक है।

सूत्रों ने कहा, ‘‘गृह मंत्री ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। राज्य में कानून-व्यवस्था की समग्र स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी गई।’’ सूत्रों ने बताया कि बैठक में मई 2023 से पहले जैसी स्थिति बहाल करने और विभिन्न समूहों के पास मौजूद अवैध एवं लूटे गए हथियार पुलिस को सौंपे जाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

बैठक में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला तथा मणिपुर सरकार, सेना और अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। मई 2023 से इंफाल घाटी में मेइती और आसपास की पहाड़ियों पर बसे कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के अपने पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद पूर्वोत्तर राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता पैदा हो गई थी। इसके बाद केंद्र ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लोगों से लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को सात दिन के भीतर स्वेच्छा से पुलिस के सुपुर्द करने का 20 फरवरी को आग्रह किया था।

उन्होंने आश्वासन दिया था कि इस अवधि के दौरान हथियार छोड़ने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस अवधि में मुख्य रूप से घाटी के जिलों में 300 से अधिक हथियार जनता द्वारा सौंपे गए। इनमें मेइती चरमपंथी समूह अरम्बाई टेंगोल द्वारा सौंपे गए 246 आग्नेयास्त्र शामिल हैं। भल्ला ने लूटे गए और अवैध हथियारों को पुलिस को सौंपने की समयसीमा शुक्रवार को बढ़ाकर छह मार्च शाम चार बजे तक कर दी थी।

टॅग्स :मणिपुरअमित शाह
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