इम्फाल:मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में मैतेई और कुकी जनजाति के बीच जातीय हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। उपद्रवियों द्वारा राज्य के अलग-अलग हिस्सों में आगजनी और तोड़फोड़ की जा रही है।
इस बीच, खबर है कि थोंगजू में भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय पर तोड़फोड़ की है। बीती रात शुक्रवार को भारी संख्या में भीड़ इकट्ठा हुई और बीजेपी ऑफिस में एकाएक पथराव कर दिया और तोड़फोड़ कर दी।
तोड़फोड़ के कारण दफ्तर के कमरों की खिड़कियों के शीशे टूटे नजर आए। कमरे में रखा सारा सामान खराब हो गया, पंखे टूट गए। यहां तक की उपद्रवियों मे बीजेपी के झंडे उखाड़कर फेंक दिए।
राज्य में बेकाबू होते हालातों को देखते हुए पूर्व आर्मी चीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से तत्काल घटना पर ध्यान देने के लिए कहा है।
केंद्रीय मंत्री के आवास में लगाई आग
इससे पहले गुरुवार को केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह इंफाल के कोंगबा इलाके में स्थित आवास को भीड़ ने अपना निशाना बनाया। पूरे घर को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया और इसमें घर का किमती सामान जलकर राख हो गया।
गनीमत ये रही कि इस हादसे के वक्त मंत्री और उनका परिवार घर में स्थित नहीं था बल्कि मंत्री केरल गए हुए हैं। अपने घर में आग लगने की घटना पर केंद्रीय मंत्री ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे दुखद बताया।
उन्होंने कहा कि हिंसा करने वालों में मानवता नहीं होती। उन्होंने कहा कि मैं इस राज्य के अपने साथी नागरिकों से इस तरह के रवैये और गतिविधियों की उम्मीद नहीं करता। मैं भगवान से भी प्रार्थना करता हूं कि ऐसा दोबारा न हो।
इसी तरह से 14 जून को इंफाल के लाम्फेल इलाके में महिला मंत्री नेमचा किपजेन के आधिकारिक आवास पर भी आग लगा दी थी।
मणिपुर में हिंसा के कारण राज्य सरकार ने 20 जून तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है। बुधवार को हुई ताजा हिंसा में नौ लोगों की मौत हो गई जबकि 10 से अधिक लोग घायल हो गए।
बता दें कि मणिपुर में 3 मई को कुकी जनजातीय समुदाय की रैली के बाद राज्य में हिंसा भड़क गई थी। यह रैली राज्य के बहुसख्यक मैतेई समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के विरोध में बुलाई गई थी। पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा के कारण अब तक 50 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं वहीं, 300 से ज्यादा लोग घायल हैं।