मणिपुर वायरल वीडियो मामले में 7वां आरोपी गिरफ्तार, अब तक 14 लोगों की हुई पहचान; अन्य की तलाश जारी
By अंजली चौहान | Published: July 25, 2023 10:13 AM2023-07-25T10:13:17+5:302023-07-25T10:49:22+5:30
मणिपुर में युद्धरत समुदायों में से एक की दो महिलाओं को मणिपुर के कांगपोकपी में नग्न मार्च करते हुए दिखाने वाला एक वीडियो 19 जुलाई को सामने आया, जिससे बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया।
इंफाल: मणिपुर में पुरुषों की भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाए जाने और वीडियो वायरल करने के मामले में पुलिस ने सातवें आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है।
इस मामले में अब तक 14 लोगों की पहचान हो चुकी है और सात आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस ने सोमवार को जिस आरोपी को पकड़ा बताया जा रहा है कि वह नाबालिग है।
दरअसल, 19 जुलाई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मणिपुर से एक भयावह वीडियो वायरल हुआ जिसमें दो महिलाओं को भीड़ नग्न अवस्था में घुमा रही है। इस वीडियो के सामने आने के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया। विपक्ष ने सरकार से मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की।
इस भयावह वीडियो के वायरल होने के एक दिन बाद मणिपुर पुलिस ने पहले और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि यह वीडियो मणिपुर में मैतई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के एक दिन बाद की है जिसका वीडियो जुलाई महीने में वायरल हुआ।
घटना 4 मई को राज्य की राजधानी इंफाल से 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई। घटना का 26 सेकंड का वीडियो ऑनलाइन सामने आने के एक दिन बाद गुरुवार, 20 जुलाई को पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की।
उस दिन बाद में तीन और गिरफ्तारियां की गईं। पुलिस ने कहा कि शनिवार को गिरफ्तार किया गया पांचवां आरोपी 19 वर्षीय है, जबकि हिरासत में लिया गया छठा व्यक्ति नाबालिग है।
संसद में उठा मणिपुर का मुद्दा
मालूम हो कि संसद में इस समय मानसून सत्र चल रहा है। ऐसे में तमाम विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने सदन में मणिपुर का मुद्दा उठाया है। इसे लेकर सदन में काफी हंगामा भी हुआ है।
सोमवार को सदन की कार्रवाई के दौरान विपक्ष लगातार पीएम मोदी से मणिपुर मामले में संसद में चर्चा की मांग कर रहा है लेकिन अभी तक पीएम ने इस मुद्दे पर सदन में कुछ नहीं कहा। इसी को लेकर लगातार विपक्ष केंद्र सरकार को घेरने में जुटी हुई है।
इस बीच, 3 मई से मणिपुर में मैतेई और कुकी जनजातियों के बीच अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के बाद भड़की हिंसा में अब तक 120 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। हजारों लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं।