ममता ने प्रधानमंत्री से मुख्य सचिव को बुलाने का आदेश रद्द करने का अनुरोध किया

By भाषा | Updated: May 31, 2021 16:13 IST2021-05-31T16:13:46+5:302021-05-31T16:13:46+5:30

Mamta requests the Prime Minister to cancel the order to call the Chief Secretary | ममता ने प्रधानमंत्री से मुख्य सचिव को बुलाने का आदेश रद्द करने का अनुरोध किया

ममता ने प्रधानमंत्री से मुख्य सचिव को बुलाने का आदेश रद्द करने का अनुरोध किया

नयी दिल्ली, 31 मई पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली बुलाने के केंद्र के आदेश को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह आदेश वापस लेने का अनुरोध किया है। बनर्जी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार बंदोपाध्याय को “कार्यमुक्त नहीं कर रही” है।

बनर्जी ने प्रधानमंत्री को भेजे पांच पन्नों के पत्र में, मुख्य सचिव को तीन माह का सेवा विस्तार दिए जाने के बाद, उन्हें वापस बुलाने के केंद्र सरकार के फैसले पर पुन:विचार करने का अनुरोध किया है।

बनर्जी ने कहा कि वह केंद्र के फैसले से स्तब्ध हैं। उन्होंने आदेश को “एकपक्षीय” करार दिया जो राज्य सरकार से “बिना कोई परामर्श किये” जारी किया गया है।

बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा, “यह तथाकथित एकपक्षीय आदेश बेवजह और आपकी खुद की स्वीकारोक्ति के उलट तथा राज्य व उसके लोगों के हितों के खिलाफ है। मैं विनम्रतापूर्वक आपसे अनुरोध करती हूं कि व्यापक जनहित में अपने तथाकथित नवीनतम आदेश को वापस लें, पुनर्विचार करें और उसे रद्द करें। मैं पश्चिम बंगाल के लोगों की तरफ से आपसे अंतरात्मा और अच्छी भावना से ऐसा करने की अपील करती हूं।”

उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल सरकार संकट के इस समय में मुख्य सचिव को कार्यमुक्त नहीं कर सकती, ना ही उन्हें कार्यमुक्त कर रही है। हमारी समझ के मुताबिक, लागू कानूनों के आधार पर वैध परामर्श के बाद जारी किया गया सेवा-विस्तार का पिछला आदेश लागू व मान्य है।”

केंद्र ने एक आकस्मिक फैसले में 28 मई की रात को बंदोपाध्याय की सेवाएं मांगी थीं और राज्य सरकार को प्रदेश के शीर्ष नौकरशाह को तत्काल कार्यमुक्त करने को कहा था।

केन्द्र ने बंदोपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश चक्रवाती तूफान ‘‘यास’’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक को मुख्यमंत्री द्वारा महज 15 मिनट में निपटाने से उत्पन्न विवाद के कुछ घंटों के बाद दिया।

1987 बैच के, पश्चिम बंगाल कैडर के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय साठ साल की उम्र पूरी होने के बाद सोमवार को सेवानिवृत्त होने वाले थे। बहरहाल, उन्हें केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद तीन माह का सेवा विस्तार दिया गया।

सोमवार को तय बंदोपाध्याय की सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें तीन महीने का सेवाविस्तार देने के केंद्र के 24 मई के निर्णय के संदर्भ में बनर्जी ने कहा, “मैं मानती हूं कि मुख्य सचिव के तौर पर सेवा विस्तार देने का उक्त आदेश, परस्पर लिखित परामर्श तथा इन चर्चाओं के दौरान ऐसा करने की वजहों पर हुई बातचीत के बाद तय प्रक्रियाओं, रुखों पर आधारित था जिसे हर हाल में कायम रखना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “इस संदर्भ में, ऐसे मुश्किल वक्त में पश्चिम बंगाल राज्य के लोगों के व्यापक हित तथा जनहित में मैं इसके लिये आपकी पुष्टि चाहूंगी।”

उन्होंने अपने पत्र में जिक्र किया कि संघीय सहयोग, अखिल भारतीय सेवा तथा इसके लिए बनाए गए कानूनों के वैधानिक ढांचे का आधार स्तंभ है।

बनर्जी ने कहा कि अखिल भारतीय सेवाओं का उद्देश्य संविधान की “संघीय नींव की सुरक्षा और बेहतर सामंजस्य प्रदान करना है।”

उन्होंने कहा “एकपक्षीय व बिना परामर्श के आदेश जारी किये जाने से संघीय व्यवस्था गंभीर रूप से संकटग्रस्त व व्यापक रूप से कमजोर हो गई है। किसी राज्य के मुख्य सचिव को अगर इस तरह से कार्यमुक्त करने के लिये कहा जा सकता है तो नीचे की नौकरशाही कैसे मुख्यमंत्री, अन्य मंत्रियों और अधिकारियों से आदेश ले सकती है, उनका सम्मान कर सकती है और उनके आदेशों का पालन कर सकती है।”

बनर्जी ने कहा, “मुझे लगता है और उम्मीद है कि आप संघीय एकता को नुकसान…और विभिन्न राज्यों में काम कर रहे अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के मनोबल को तोड़ना नहीं चाहते हैं।”

तीन महीने का सेवा विस्तार देने के बाद बंदोपाध्याय को वापस बुलाए जाने के पूरे प्रकरण को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या इस फैसले का 28 मई को पश्चिम मिदनापुर जिले के कलईकुंडा में प्रधानमंत्री के साथ उनकी और मुख्य सचिव की बैठक से कोई संबंध है।

उन्होंने कहा, “मुझे वास्तव में आशा है कि यह नवीनतम आदेश कलईकुंडा में मेरी आपके साथ हुई बैठक से संबंधित नहीं है। अगर यह कारण है तो यह दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण और गलत प्राथमिकताओं के लिये जनहित का त्याग करने सरीखा होगा।

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Web Title: Mamta requests the Prime Minister to cancel the order to call the Chief Secretary

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