ममता बनर्जी को मिले 92 अंक तो अमित शाह को 93 नंबर, पश्चिम बंगाल टेट परीक्षा में 'नेताओं' के नाम आने पर मचा हंगामा
By आजाद खान | Published: November 16, 2022 09:44 AM2022-11-16T09:44:51+5:302022-11-16T12:03:55+5:30
इस पर बोलते हुए डब्ल्यूबीबीपीई के अध्यक्ष गौतम पॉल ने कहा है, ‘ये हमनाम हैं और हमने उम्मीदवार के पिता के नाम और उनके संपर्क नंबर भी दिए हुए हैं। राजनीतिक दलों द्वारा राज्य को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।’
कोलकाता: शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2014 के नतीजों में देश के कुछ बड़े नेताओं के भी नाम आओ है जिन्होंने यह परीक्षा पास की है। इन नेताओं में ममता बनर्जी, अमित शाह और सुवेंदु अधिकारी समेत कई नेताओं के नाम सामने आए है जो परीक्षा में अच्छे अंक लाएं है।
परीक्षा के मेरिट लिस्ट में बड़े-बड़े नेताओं के नाम आने से अभ्यर्थियों के साथ-साथ शिक्षा विभाग के कई अधिकारी भी हैरान रह गए है। ऐसे में इसे लेकर विवाद भी छिड़ गया है और बात यहां तक पहुंच गई कि इस पर विभाग के अध्यक्ष को सफाई भी दी हुई है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2014 के नतीजे जारी हुए है। इस नतीजे में जो अभ्यर्थी पास हुए है उनके नाम सामने आए है। ऐसे में इस रिजल्ट में कुछ नेताओं के नाम भी सामने आए है जो इस परीक्षा में न केवल पास हुए है, बल्कि अच्छे अंक लाएं है।
परीक्षा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का नाम भी आया है जिन्हें 93 अंक मिले है। यही नहीं जहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 92 अंक मिले है, वहीं दिलीप घोष को 84 और सुकांत मजूमदार 90 अंक प्राप्त किए है।
लिस्ट में नाम यही नहीं खत्म हो रही है, बल्कि अभिषेक बनर्जी को 98, सुजान चक्रवर्ती को 99 और ममता बनर्जी के कभी शागिर्द रहे सुवेंदु अधिकारी को सबसे ज्यादा 100 अंक मिले है। ऐसे में विपक्ष ने इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर निशाना साधा है और इसे लेकर सियासत भी तेज हो गई है।
विभाग के अध्यक्ष ने दी सफाई
वहीं जब मामला तूल पकड़ने लगा तो इस पर डब्ल्यूबीबीपीई के अध्यक्ष गौतम पॉल ने इस पर सफाई दी है। पॉल ने सोमवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा है, ‘ये हमनाम हैं और हमने उम्मीदवार के पिता के नाम और उनके संपर्क नंबर भी दिए हुए हैं। राजनीतिक दलों द्वारा राज्य को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।’
विवाद पर विपक्षी और टीएमसी नेताओं ने क्या कहा
इस पूरे विवाद पर विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने बयान देते हुए कहा, ‘मुझे अब नौकरी चाहिए और मैं चाहता हूं कि मुख्यमंत्री के घर के बच्चे मेरे स्कूल में आकर सीखें, जहां मैं पढ़ाऊंगा।’
वहीं इस मामले में पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने भी ट्वीट कर कहा, ‘यह पश्चिम बंगाल में शिक्षा और मूल्यांकन का स्तर है। भ्रष्टाचार ज्यादा है और शिक्षा एवं मूल्यांकन की स्थिति खराब हो चुकी है। दुखद स्थिति। @MamataOfficial कब उम्मीदवारों के जीवन से खिलवाड़ करना बंद करेंगी?’
हालांकि शहरी विकास और नगर मामलों के मंत्री फिरहाद हाकिम ने दावा किया कि यह राज्य को बदनाम करने की एक कोशिश है। इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग राज्य के लोगों को गुमराह करने और हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। शिक्षा विभाग को उन दोषियों का पता लगाना चाहिए और नाम फर्जी होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।’