कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दो हजार रुपये के नोटों को वापस लेने संबंधी फैसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार की शनिवार को आलोचना की और इसे एक और मनमाना और 'तुगलकी नोटबंदी' का नाटक बताया। उन्होंने कहा कि शीर्ष बैंक के इस कदम से आम लोगों को एक बार फिर मुश्किल होगी।
बनर्जी ने फैसले के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि इस तरह के कदम से इस शासन की घोर पूंजीवादी प्रवृत्ति का पता चलता है। बनर्जी ने ट्वीट किया, "दो हजार रुपये के नोटों का एक और मनमाना और तुगलकी नोटबंदी का नाटक आम लोगों को एक बार फिर परेशान करेगा।"
बता दें कि आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की शुक्रवार को घोषणा की थी। हालांकि इस मूल्य के नोट बैंकों में जाकर 30 सितंबर तक जमा या बदले जा सकेंगे। आरबीआई का यह कदम नवंबर, 2016 के उस अप्रत्याशित ऐलान से थोड़ा अलग है जिसमें 500 और 1,000 रुपये के तत्कालीन नोट को चलन से बाहर कर दिया गया था। उसी समय आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट जारी किये थे। बनर्जी ने 2016 में नोटबंदी के केंद्र के फैसले का भी विरोध किया था।
दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2,000 रुपए के नोटों को बंद करने की घोषणा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि हर बार जब पीएम जापान यात्रा पर जाते हैं, तो वे नोटबंदी की अधिसूचना जारी करते हैं। खड़गे ने ये टिप्पणी कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धारमैया और उनके मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह में सभा के संबोधन के दौरान की।
इस कदम के लिए पीएम को निशाना बनाते हुए खड़गे ने दावा किया कि केंद्रीय बैंक के फैसले से जनता को एक और परेशानी होगी जैसे 2016 में 500 और 1,000 रुपए के नोटों के विमुद्रीकरण के दौरान हुई थी।
बता दें कि आरबीआई ने बैंकों को 30 सितंबर तक ये नोट जमा करने एवं बदलने की सुविधा देने को कहा है। बैंकों में 23 मई से 2,000 रुपये के नोट बदले जा सकेंगे। हालांकि एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये मूल्य के नोट ही बदले जाएंगे।